– दावा निकला झूठा तो जाना पड़ सकता है जेल
मीरजापुर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मतदान के दौरान यदि किसी भी मतदाता को यह लगता है कि उसने जिसे वोट दिया, वह उसके पसंदीदा प्रत्याशी को नहीं गया तो वह इसकी जांच करा सकता है। निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ही ऐसी व्यवस्था कर दी है कि इस शंका का वहीं समाधान हो जाए।
सहायक निर्वाचन अधिकारी जगनारायण मौर्य ने बताया कि इसके लिए पीठासीन अधिकारी के पास दो रुपये शुल्क जमा करके वीवीपैट (वोटर वेरीफाइड पेपर आडिट ट्रेल) को चैलेंज किया जा सकता है। पीठासीन अधिकारी उसका प्रिंट निकलवाकर आपको आश्वस्त करेंगे कि आपने जिसे वोट दिया, उसी को मिला है या नहीं। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि दावा झूठा निकला तो जेल जाना पड़ सकता है। शर्त यह है कि गलत चैलेंज करने पर धनराशि को जब्त करते हुए संबंधित के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। मझवां विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान आगामी 13 नवंबर को होगा। चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से यह व्यवस्था लागू की गई है।
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि चुनाव में मतदान प्रक्रिया के दौरान यदि किसी मतदाता के बारे में किसी अभिकर्ता की ओर से चैलेंज किया जाता है तो उससे दो रुपये जमा कराया जाएगा। साथ ही निर्धारित प्रारूप भरकर रसीद दें। इसके साथ ही मतदाता को भी चेतावनी देंगे कि यदि वास्तविक मतदाता नहीं होगा तो विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। पीठासीन अधिकारी निर्धारित प्रारुप पर विवरण भरकर हस्ताक्षर अथवा अंगूठा का निशान लेने के बाद संक्षिप्त जांच करेंगे। मतदाता के सही होने पर अन्य मतदाताओं के समान ही मतदान कराएंगे। वहीं मतदाता के गलत होने पर थानाध्यक्ष के नाम पर पत्र लिखते हुए पुलिस के हवाले कर दें और दो रुपए को जब्त कर लें। वहीं शिकायत सही होने पर चुनौतीकर्ता को वापस कर देंगे।
मतदाता पहचान पत्र के अतिरिक्त निर्वाचन आयोग ने दिए 12 विकल्प मतदाता पहचान पत्र के अतिरिक्त निर्वाचन आयोग ने मतदान करने के लिए 12 विकल्प दिए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र नहीं होने पर आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, बैंक व डाकघर से जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, केंद्र, राज्य व लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य को जारी सरकारी पहचान पत्र तथा यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड दिखाकर मतदान कर सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा