– टीबी
नोटिफिकेशन में अब तक पहले स्थान में यूपी, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र तो तीसरे
स्थान पर बिहार
– योगी
सरकार को केंद्र सरकार ने 6.5 लाख
मरीजों के रजिस्ट्रेशन का दिया था लक्ष्य, अक्टूबर की समाप्ति तक 86 प्रतिशत मरीज चिन्हित
लखनऊ, 03 नवम्बर (Udaipur Kiran) । योगी सरकार ने
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान कर इलाज करने में एक बार फिर बड़ी सफलता
हासिल की है। योगी सरकार ने पिछले वर्ष की तरह इस वित्तीय वर्ष में भी उत्तर
प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चलने का
कीर्तिमान दर्ज किया है। योगी सरकार को इस साल 6.5 लाख मरीजों के चिन्हित करने का लक्ष्य
मिला था।
अक्टूबर
माह की समाप्ति तक लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत मरीजों की पहचान कर देश में
पहले स्थान पर है। जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां पर 1,85,765 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। इसी
तरह बिहार तीसरे स्थान पर है, जहां 1,67,161 मरीजों का
नोटिफिकेशन किया गया है। यानी इस साल भी बीते साल की तरह प्रदेश लक्ष्य से ऊपर
टीबी नोटिफिकेशन कर लेगा।
–लखनऊ, गोरखपुर में सरकारी और प्राइवेट
अस्पतालों को नोटिफिकेशन बराबर
विशेषज्ञों
का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा
मरीजों का चिन्हीकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने
सभी प्रदेशों को साल की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर
प्रदेश को 6.5 लाख मरीज
खोजने का लक्ष्य दिया गया था। बीते साल यह 5.5 लाख का था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक
31 अक्टूबर
तक प्रदेश में पांच लाख 59 हजार टीबी
मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें प्राइवेट डॉक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही
है। दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डॉक्टरों के
माध्यम से पंजीकृत हुए हैं। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट
डाक्टरों ने सरकारी चिकित्सकों से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर व बरेली में सरकारी व प्राइवेट
नोटिफिकेशन बराबर का रहा है।
राज्य
टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की मंशानुरूप
वर्ष 2025 तक प्रदेश
को टीबी मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी का नतीजा है कि इस
वर्ष भी प्रदेश टीबी नोटिफिकेशन में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चल रहा है।
काबिले गौर है कि केंद्र द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश में
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं। इनमें हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व
दस्तक अभियान का बार-बार चलाया जाना प्रमुख है। यही कारण है कि बीते साल भी प्रदेश
ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत
टीबी नोटिफिकेशन किया था। वर्ष 2023 में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य 5.5 लाख था जिसके सापेक्ष प्रदेश ने 6.33 लाख मरीज खोजे थे।
–यहां
प्राइवेट नोटिफिकेशन बढ़ने की जरूरत
टीबी
उन्मूलन के लिए प्रदेश में ज्यादातर जनपदों में प्राइवेट डाक्टर सरकार के साथ कंधे
से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। लेकिन कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां प्राइवेट
नोटिफिकेशन बहुत कम हो रहा है। जैसे श्रावस्ती में इस साल सिर्फ 38 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इसके
अलावा महोबा में सिर्फ 215, संतरवीदास
नगर में 271, हमीरपुर
में 277, कन्नौज
में 293, सोनभद्र
में 297, चित्रकूट
में 312, सुलतानपुर
में 370, अमेठी में
392 और कानपुर
देहात में सिर्फ 395 प्राइवेट
नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की
जरूरत है।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला