
– माफिया मुक्त प्रयागराज से हुआ पौराणिक स्थलों का कायाकल्प- मुख्यमंत्री
लखनऊ, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं, उन्हें अपने डीएनए की जांच करानी चाहिए। योगी ने कहा कि सनातन धर्म सभी पंथों का सम्मान करता है। उन्होंने अपने भगवा वस्त्र पर गर्व जताते हुए कहा कि यह मेरी पहचान है। एक दिन पूरी दुनिया इसे पहनेगी। उन्होंने भारत के लोकतंत्र को परिपक्व बताते हुए कहा कि जनता सब जानती है और सही-गलत का फैसला करती है।
मुख्यमंत्री योगी बुधवार को लखनऊ के ताज होटल में पांचजन्य और आर्गेनाइजर के ‘मंथनः कुंभ एंड बियॉन्ड’ विचार संगम कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है। पिछली सरकारों के दौर में यह भूमि माफियाओं के हवाले थी। अक्षय वट को गुलामी के काल में कैद कर नष्ट करने की कोशिश की गई, जिससे 500 वर्षों तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे। माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे स्थल उपेक्षित रहे, जबकि श्रृंगवेरपुर-भगवान राम और निषादराज के मैत्री स्थल-पर लैंड जिहाद के जरिए कब्जा कर लिया गया। द्वादश माधव और नाग वासुकी जैसे पवित्र स्थल भी अवैध कब्जों की चपेट में थे। योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान वहां नए कॉरिडोर बनाकर इन स्थलों को मुक्त कराया गया। यह हमारी पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए योगी ने कहा कि जिनकी सोच नकारात्मक है, उनसे सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कुंभ (1954) से लेकर 1974, 1986, 2007 और 2013 तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में हुई अव्यवस्थाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1954 में एक हजार से अधिक मौतें हुईं। 2007 में प्राकृतिक आपदा ने जन-धन की हानि की और 2013 में मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संगम की गंदगी देखकर आंसू बहाए थे। पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था।
योगी ने 2025 के महाकुंभ को स्वच्छता, सुरक्षा और तकनीक का बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में कुंभ की नकारात्मक धारणा को बदलने का प्रयास शुरू हुआ, जिसे 2025 में और मजबूती से लागू किया गया। योगी ने कहा कि हमारा प्रयास था कि कोई भी श्रद्धालु 3-5 किमी से ज्यादा पैदल न चले। अनुमान था कि 40 करोड़ लोग आएंगे, लेकिन 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। पौष पूर्णिमा पर 1.5 करोड़, मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और मौनी अमावस्या पर 15 करोड़ लोगों ने स्नान किया।
मौनी अमावस्या (28-30 जनवरी) की रात एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का जिक्र करते हुए योगी ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक भीड़ के बीच कुछ लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अखाड़ों और संतों से बातचीत की और अमृत स्नान को दोपहर तक स्थगित कर दिया। संतों ने व्यापक जनहित में परंपरा को बाधित किए बिना सहयोग दिया।
औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर तीखा हमला करते हुए योगी ने कहा कि यह मानसिक विकृति का परिणाम है। उन्होंने शाहजहां की पुस्तक का हवाला देते हुए बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर एक बूंद पानी के लिए तरसाया और भाई को मार डाला। योगी ने तंज कसते हुए कहा कि जो औरंगजेब को पसंद करते हैं, वे अपने बच्चों का नाम औरंगजेब रखें और उसके अत्याचार भोगने को तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात करने वाले भारत के नायकों का अपमान कर रहे हैं।
संभल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 5000 साल पुराने पुराणों में इसका वर्णन है, जहां श्रीहरि का दसवां अवतार होगा। 1526 में मीर बाकी ने वहां मंदिर तोड़ा, लेकिन अब तक 18 तीर्थों का उत्खनन हो चुका है। उन्होंने कहा कि जो इतिहास छिपाते हैं, उन्हें पुराण पढ़ने चाहिए।
गंगा आज स्वच्छ है
नमामी गंगे परियोजना के तहत कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर को रोकने का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि गंगा आज स्वच्छ है। उन्होंने दिल्ली में यमुना की गंदगी पर तंज कसा और कहा कि दिल्ली की जनता ने इसका जवाब दे दिया है। सीएम योगी ने कहा कि जब राजनीति स्वार्थ से प्रेरित होकर कार्य करती है तो वह न स्वयं का कल्याण कर सकती है न लोककल्याण कर सकती है।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक छवि की प्रशंसा की। मॉरिशस और भूटान के नेताओं की भागीदारी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह सदी भारत की है।
(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला
