

वाराणसी, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । योग मुद्राएं शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित कर पांच तत्व—पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश—के संतुलन को प्रभावित करती हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह विचार योग गुरु विजय शंकर मिश्रा के हैं।
योग गुरु मंगलवार को 16वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में आए प्रतिभागियों को योग सिखाने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन नेहरू युवा केंद्र, माय भारत वाराणसी, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया गया। योग गुरु ने कहा कि शरीर में उत्पन्न होने वाले रोग असंतुलन के कारण होते हैं, जो इन पांच तत्वों की कमी या अधिकता से होता है।
सत्र की शुरुआत
सुबह 5:00 बजे प्रतिभागियों ने राज्य प्रशिक्षक अंगद सिंह यादव के नेतृत्व में प्रार्थना सभा एवं प्रभात फेरी में भाग लिया। इसके बाद योग स्थल पर भजन और ध्यान सत्र आयोजित किया गया, जहां प्रतिभागियों ने प्राणायाम और विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास किया।
देशभक्ति एवं राष्ट्र निर्माण पर अभिमुखीकरण:
सुबह के द्वितीय सत्र में बीएचयू के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. बाला लखेंद्र ने देशभक्ति एवं राष्ट्र निर्माण विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना ही सच्ची देशभक्ति है। यह भावना लोगों को जोड़ती है और देश के अतीत, वर्तमान तथा भविष्य की उपलब्धियों पर गर्व करने की प्रेरणा देती है।
अग्निशमन प्रशिक्षण
इसके बाद, अग्निशमन विभाग के अधिकारी खुर्शीद अहमद और राम प्रताप सिंह ने आग से बचाव एवं नियंत्रण पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मंच पर अग्निशमन यंत्रों का उपयोग करके आग बुझाने की विधियां समझाई। साथ ही, घरेलू गैस सिलेंडर में आग लगने की संभावित घटनाओं को नियंत्रित करने के उपायों को भी विस्तार से बताया।
सांस्कृतिक संध्या
शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न जिलों के प्रतिभागियों ने अपनी लोक परंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। यह कार्यक्रम लोक संस्कृति और परंपराओं के आदान-प्रदान का जीवंत मंच बना।
इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को योग, राष्ट्रभक्ति, अग्निशमन तथा सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूक किया गया उनके ज्ञान में वृद्धि की गई।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
