Uttar Pradesh

योग शरीर और मन की एकाग्र साधना का नाम : प्रो. शिवप्रकाश

ओरिएंटेशन कार्यक्रम समापन

-जपयोग मन को वश में रखने का सबसे अहम जरिया

प्रयागराज, 21 सितम्बर (Udaipur Kiran) । योग शरीर और मन की एकाग्र साधना का नाम है। योग में भौतिक अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भौतिक अनुशासन मनुष्य को उसके हर कार्य में सिद्धि की ओर ले जाता हैै। इसलिए मनुष्य को अपना हर कार्य योग की तरह करना चाहिए।

उक्त विचार मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में शनिवार को ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के समापन अवसर पर योग और मेडिटेशन विषय पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कला और सौंदर्य विभाग के पूर्व प्रोफेसर, बर्लिन में भारत के पूर्व राजदूत, कवि, नाटककार और साहित्य अकादमी तथा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजे गए प्रो. एच एस शिवप्रकाश ने व्यक्त किया।

उन्होंने योग के विभिन्न प्रकार जैसे हठयोग, राजयोग, जपयोग, प्राणयोग, स्वरयोग को उदाहरणों से समझाते हुए पतंजलि के योगशास्र में वर्णित योग की परिभाषा को उद्धृत करते हुए कहा कि योग मन के स्वभाव को नियंत्रण में रखता है। जपयोग मन को वश में रखने का सबसे अहम जरिया होता है।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आर.वी. विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. वाईएस मूर्ति ने रणनीतिक प्रबंधन और नेतृत्व पर कहा कि शिक्षण संस्थाओं में रणनीतिक प्रबंधन के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने हेतु नेतृत्वकर्ता में जबरदस्त सम्प्रेषण क्षमता होनी चाहिए। नेतृत्वकर्ता को अपने विजन में एकदम स्पष्ट और ग्राह्य होना चाहिए। क्योंकि स्पष्ट विजन का नेता ही अपने अनुयायियों को भी प्रेरित करता है। अनुयायी किसी बड़े मकसद की ओर तभी आगे बढ़ते हैं जब अपने नेता के विचारों से अनुप्राणित होते हैं। प्रो. मूर्ति ने बुद्ध, विवेकानंद, मार्टिन लूथर, गाँधी, नेहरू जैसे नेतृत्वकर्ताओं के गुणों का विश्लेषण प्रस्तुत किया।

समापन अवसर पर एमएमटीटीसी, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के निदेशक और कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने शिक्षण के दौरान ऐसे इन्डक्शन तथा ओरिएंटेशन कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सभी प्रतिभागियों को उनके उन्नत भविष्य की शुभकामनाएं दी। एमएमटीटीसी के सहायक निदेशक डॉ. मनोज कुमार दूबे ने सेंटर द्वारा आयोजित किए जा रहे अन्य शिक्षक ट्रेनिंग कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को सेंटर से भविष्य में भी जुड़े रहने का आह्वान किया।

उल्लेखनीय है कि, 17 अगस्त से 21 सितम्बर के मध्य चले इस 24 दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम में केरल, मणिपुर, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कुल पंद्रह राज्यों के 110 प्रतिभागियों ने शिरकत की और सभी जरूरी असाइनमेंट्स पूरे किए। इस मौके पर स्वागत कार्यक्रम संयोजिका सहायक प्रोफेसर डॉ. शाइस्ता इरशाद और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सहसंयोजक डॉ. अंकित पाठक ने किया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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