हरिद्वार, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में योग, मानव चेतना एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता विश्व शांति और कल्याण के विशेष संदर्भ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हुआ। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अरुण त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि योग केवल शरीर और मन को स्वस्थ रखने का साधन ही नहीं, बल्कि यह मानव चेतना को जाग्रत करने का सबसे शक्तिशाली साधन है। मानव चेतना के उन्नयन से हम न केवल व्यक्तिगत शांति पा सकते हैं, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के साथ संतुलन बनाकर आत्मिक एवं वैश्विक शांति और कल्याण की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद् डॉ. जवाहर लाल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग यदि सही दिशा में किया जाए तो यह मानव समाज के लिए अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकती है। बुद्धि के साथ विवेक जुड़ा हुआ है यदि एआई का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाये तो यह हमारे समाज की प्रगति में सहयोगी बन सकती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज ने योग और चेतना के आपसी संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि याेग न केवल व्यक्तिगत शांति की ओर ले जाता है, बल्कि यह समाज और विश्व में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही प्रो. हेमलता ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य योग, मानव चेतना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समन्वय से विश्व शांति और कल्याण के लिए संभावनाओं का पता लगाना था। हम सभी जानते हैं कि विज्ञान और अध्यात्म का मेल ही भविष्य की चुनौतियों का समाधान है। योग से जाग्रत चेतना और आज की नवीनतम खोज कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ सामंजस्य से एक नई दुनिया की परिकल्पना की जा सकती है।
इस अवसर पर प्रो जवाहरलाल द्विवेदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को लेकर कर्मयोगी ग्रंथ का विमोचन सभी मंचस्थ अतिथियों के द्वारा किया गया। इस ग्रंथ का संपादन डॉ ऊधम सिंह के द्वारा किया गया है।
सम्मेलन के संयोजक डॉ. ऊधम सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में 15 सत्रों में 130 शोध-पत्रों का वाचन हुआ तथा 300 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इस सम्मेलन में प्रो. एलपी पुरोहित, ऋषि कुमार शुक्ला, प्रो. रज्जन कुमार, किरण वर्मा, प्रद्युम्न सिंह डॉ. योगेश्वर, डॉ. राजीव, डॉ. निष्कर्ष शर्मा, डॉ. संदीप, दीपक आनंद, उदित, हेमंत सिंह नेगी, धर्मेन्द्र, मोहन, जोगेंद्र आदि उपस्थित रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला