
विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के सहयोग से गाँवों में जाकर योग शिविर आयोजित करें
लखनऊ, 07 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 के आयोजन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश के विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अधिकारियों ने वर्चुअली भाग लिया। बैठक का उद्देश्य भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप योग कार्यक्रमों की योजना बनाना और उसे जनसामान्य तक पहुंचाने की रणनीति तय करना था।
इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है, जो केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं बल्कि मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक संतुलन का भी माध्यम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल एक दिवस का कार्यक्रम न बने, बल्कि इसे पूरे प्रदेश में 1 जून से 21 जून तक सतत रूप से मनाया जाना चाहिए।
उन्होंने विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया कि वे अपने निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों और महाविद्यालयों से समन्वय स्थापित करते हुए योग अभ्यास सत्र आयोजित करें।
राज्यपाल ने बैठक में यह निर्देश दिया कि आयुष मंत्रालय की ओर से निर्धारित 10 बिंदुओं पर सभी विश्वविद्यालय गंभीरता से कार्य करें और इन कार्यक्रमों को पूरे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करें। योग कार्यक्रम केवल औपचारिकता न बने, बल्कि इसका वास्तविक परिणाम दिखना चाहिए। विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन कार्यक्रमों से आमजन के स्वास्थ्य में क्या सकारात्मक परिवर्तन आया, इस पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने यहां अध्ययनरत छात्राओं का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) परीक्षण अवश्य कराएं। यदि किसी छात्रा में किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है, तो उसके उपचार के लिए उन्हें जागरूक और प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि एक बेटी को यदि हम स्वस्थ बनाते हैं, तो वह अपने परिवार की अनेक महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती है, क्योंकि वही बेटी भविष्य में मां बनकर पूरे परिवार को स्वास्थ्य के प्रति सजग बना सकती है।
राज्यपाल ने बैठक के दौरान सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया कि वे अपने संबंधित जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित करें और प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को एकत्र कर उनका कुपोषण परीक्षण कराएं। केवल परीक्षण तक सीमित न रहें, बल्कि पूरे वर्ष उन बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार के लिए कार्य योजना बनाएं, उनको भी योग से जोड़ें।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय जिन गांवों को गोद लिए हुए हैं, वहां विशेष रूप से यह गतिविधियां संचालित करें। विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के सहयोग से गाँवों में जाकर शिविर आयोजित करें, ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कराएं और यदि किसी को कोई बीमारी है, तो उन्हें उचित मार्गदर्शन दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सहयोग करें। अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य पवित्र कुंडों पर भी योग कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसे पावन स्थलों पर योग करने से शारीरिक और आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है, जो जनमानस को योग से गहराई से जोड़ने में सहायक होगी।
इस क्रम में राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया कि 1 जून से 21 जून 2025 तक राजभवन में प्रतिदिन प्रातःकालीन योग सत्रों का आयोजन किया जाय। योग संस्थाएं और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर इन कार्यक्रमों को जनांदोलन का रूप दिया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, वर्चुअली माध्यम से जुड़े विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव सहित राजभवन के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
