Bihar

ली अकादमी स्कूल के छात्रावास में वर्षों पुराना विशाल पेड़ को काटकर किया गया जमींदोज

अररिया फोटो:हरे भरे पेड़ की कटाई

अररिया, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।

फारबिसगंज के प्लस टू स्तरीय ली अकादमी स्कूल के छात्रावास में गुरुवार को वर्षों पुराना विशाल अशोक के पेड़ को काटकर जमींदोज कर दिया।जिसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

पेड़ पूरी तरह से हरा भरा था और नियम के अनुसार,स्कूल प्रबंधन को इसकी कटाई से पूर्व विद्यालय शिक्षा समिति के द्वारा निर्णय लेने के साथ ही जलवायु परिवर्तन,वन पर्यावरण विभाग से अनुमति लिया जाना अत्यावश्यक होता है। सार्वजनिक स्थानों में पेड़ की कटाई वन विभाग के अधिकारी के सामने की जाती है।लेकिन प्लस टू स्तरीय ली अकादमी उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य तेग बहादुर सिंह ने इस तरह की प्रक्रिया करना भी मुनासिब नहीं समझा। स्थानीय लोग बताते हैं कि इससे पूर्व भी 2017 -18 के आसपास में भी छात्रावास से आधा दर्जन बड़े विशाल हरे भरे पेड़ों को काट दिया गया। जबकि ली अकादमी स्कूल के छात्रावास आर्चर छात्रावास में कई फलदार पेड़ थे। इतना ही नहीं पूर्व में स्कूल प्रबंधन द्वारा अंग्रेज के समय बने दर्जनों बड़े बड़े कमरे वाले भवन को भी चंद रुपयों में तोड़कर पैसों का आपस में बंदरबांट कर लिया गया था।कहा जाता है अंग्रेजकालीन इस मकान में पचास लाख रूपये मूल्य से अधिक के केवल सखुआ के लकड़ी का मोटा मोटा बीम था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि छात्रावास परिसर में नया भवन का निर्माण होना है।हालांकि जहां पेड़ था,नक्शा के अनुसार भवन उससे दूर था।बावजूद इसके हरे भरे विशाल पेड़ को काट दिया गया।मामले को जानकारी के।लिए जब वृक्ष की कटाई कर रहे मजदूरों से बात की गई तो उनलोगों ने बताया कि स्कूल के हेडमास्टर के आदेश पर पेड़ काटा गया है।जबकि इस मसले पर बात करने के लिए मौके पर स्कूल का एक भी कर्मचारी या प्रिंसिपल मौजूद नहीं था।

मामले पर आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्णा ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि बिना लीगल आदेश के कोई पेड़ नही काट सकता है। चाहे वह किसी कैंपस में हो। वन विभाग से स्वीकृति लेना आवश्यक है। साथ ही एक पेड़ काटने से पहले एक पेड़ लगाने का भी नियम है। इस पेड़ से आखिर किसी को क्या दिक्क्क्त हो रहा था? पेड़ काटने का आदेश प्राप्त हुआ था अथवा पैसों के बंदरबांट के लिए पेड़ काट दिया गया, इसकी जांच होनी चाहिये।उन्होंने इस मसले पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने की बात कही।आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्णा सहित वरीय अधिवक्ता विनय कुमार ठाकुर कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मां के नाम से पेड़ लगाने का आह्वान करते हैं,वहीं दूसरी ओर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष के रूप में भाजपा विधायक के होने के बावजूद हरे भरे पेड़ की कटाई,बड़ा सवाल खड़ा करता है।

(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर

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