
-मेयर प्रत्याशियों की जातिगत योग्यता को लेकर महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा नाराज
गुरुग्राम, 8 मार्च (Udaipur Kiran) । महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा हरियाणा ने नगर निगम गुरुग्राम में मेयर चुनाव के प्रत्याशियों के जाति संबंधित योग्यता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल प्रजापति ने शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि मेयर चुनाव में धोखाधड़ी से पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों का हनन किया गया है।
महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल प्रजापति ने कहा कि गुरुग्राम मेयर चुनाव में संविधान और जनता के साथ धोखाधड़ी की गई है। गुरुग्राम नगर निगम की सीट बीसी-ए की महिला के लिए आरक्षित थी। इस चुनाव मेें दो ही उम्मीदवार भाजपा से राजरानी मल्होत्रा व कांग्रेस से सीमा पाहूजा मैदान में आए। दोनों उम्मीदवारों ने अपने आपको सुनार जाति का बताते हुए हरियाणा के पिछड़ा वर्ग-ए का प्रमाण पत्र बनवाया। उन्होंने कहा कि ये दोनों उम्मीदवार सामान्य वर्ग से और उच्च जाति से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि राजरानी जाति से बूटा हैं, जो पुराने पंजाब के उच्च जाति के पंजाबी जाट होते हैं। इस जाति के लोग पंजाब और पाकिस्तान में आज भी हैं। राजरानी के परिवार के सदस्य इनके पिता विशनदास और उनके पूर्वज देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान के वर्तमान में डेरा गाजी जिले मुल्तान क्षेत्र से भारत आए थे। यशपाल प्रजापति ने कहा कि राजरानी के पैतृक परिवार और इनके ससुराल के कुछ सदस्य आभूषण व रत्न का व्यापार करते हैं।
सभा के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों ने कहा कि सीमा पाहूजा नगर निगम की 2 बार पार्षद रह चुकी हैं।
उन्होंने भी अपने पिता को सुनार जाति का बताकर हरियाणा के पिछड़ा वर्ग-ए का प्रमाण पत्र बनवाया है। उनका परिवार भी पंजाबी खत्री जाति से है, जो उच्च श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति की श्रेणी के लिए व्यक्ति के पूर्वजों की जाति ही मूल आधार होती है। उन्होंने चुनाव होने से पूर्व भी जिला निर्वाचन अधिकारी और हरियाणा निर्वाचन आयोग को भी इस संबंध में शिकायत भेजी थी, लेेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने मांग की है कि इस गैरकानूनी कार्य के खिलाफ कार्यवाही करवाने और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संस्था कानूनी कार्यवाही करेगी।
(Udaipur Kiran)
