यमुनानगर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर संबंधित विभागीय संगठनों के पदाधिकारियों ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के विधानसभा प्रत्याशियों को उनके चुनाव कार्यालयों व निवास स्थान पर जाकर कर्मचारियों का 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर उनसे जवाब मॉंगा की वह कर्मचारियों की मांगो व मुद्दों पर अपना और अपनी पार्टी का रुख मिडिया में स्पष्ट करें।
रविवार को जानकारी देते हुए जिला सचिव गुलशन भारद्वाज ने बताया कि उक्त कार्यक्रम के तहत राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों ने कर्मचारियों की माँगो पर बोलते हुए कहा है कि हमारी सरकार बनते ही कौशल निगम को भंग करके उसमें लगे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेंगे और पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करेंगे। एक लाख के करीब खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती करेंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षो में कर्मचारियों की माँगो पर विपक्ष के मौजूदा विधायकों को भी आवाज उठानी चाहिए थी लेकिन विपक्ष भी खामोश रहा।
कर्मचारी नेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कर्मचारियों के साथ कुठाराघात किया गया और माँगो की लगातार अनदेखी भी की गई। कर्मचारियों की माँगो व समस्याओं का समाधान करने की बजाए हरियाणा सरकार ने अलग-अलग नामों से संगठन बनाकर कर्मचारियों की एकता और ताकत को तोड़ने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि पिछले 10 वर्षो में एक भी कच्चा कर्मचारी पक्का नही हुआ। कर्मचारियों को भ्रम में डालकर कर्मचारी हितैषी कदम उठाए जाने का झूठा प्रचार किया जा रहा है। जॉब सिक्योरिटी बिल के नाम पर कर्मचारियों को 58 साल तक ठेके पर रखने का नियम बनाया है। वहीं लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को भ्रम में डालने के लिए एनपीएस कर्मचारियों को यूपीएस देने का ऐलान किया है जिसमें कोई दम नहीं है।
(Udaipur Kiran) / अवतार सिंह चुग