
जयपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान में सरकारी भर्तियों में घोटालों को लेकर जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएसबी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए रालोपा सुप्रीमो एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल लगातार जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं। सोमवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए न केवल आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए बल्कि एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने और आयोग को भंग कर पुनर्गठन करने की पुरजोर मांग भी दोहराई।
बेनीवाल ने आरएएस 2021 के अभ्यर्थी नरेश की मेंस उत्तरपुस्तिका मीडिया को दिखाते हुए बताया कि किस प्रकार मैंस के पेपर 2 के भाग-3 के प्रश्न संख्या 1 में जहां उत्तर बिल्कुल खाली छोड़ा गया है, वहां भी 2 अंक दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएससी पैसे लेकर 0 नंबर को 7 नंबर बना देती है, और जिन शिक्षकों को कॉपी जांचने भेजा जाता है वे आंख मूंद कर मूल्यांकन करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह इकलौता मामला नहीं है बल्कि व्यापक पैमाने पर मूल्यांकन प्रक्रिया में घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार व्याप्त है। जब कॉपियां जांचने वाले अधिकारी ही सजग न हों तो योग्य अभ्यर्थी कहां जाएंगे?
बेनीवाल ने कहा कि आरपीएससी कोई नया विवादित संस्थान नहीं है — 2014 से ही यह आयोग विवादों और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब आयोग का कोई सदस्य भ्रष्टाचार में पकड़ा जाता है, तो क्या यह संभव है कि चेयरमैन को इसकी जानकारी न हो? फिर भी चेयरमैनों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सांसद ने कहा कि आयोग के केवल आदिवासी और पिछड़ी जाति से आने वाले सदस्यों को ही गिरफ्तारी क्यों , क्या अब जाति देखकर सरकार गिरफ्तार करेगी ।
बेनीवाल ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएसबी) के चेयरमैन आलोक राज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एक नया फॉर्मूला अपनाया है जिससे ओएमआर शीट से परीक्षार्थी और वीक्षक दोनों के हस्ताक्षर गायब कर दिए जाते हैं। इससे जांच और जवाबदेही असंभव हो जाती है।
सरकार और खास लोगों को नौकरी दिलाने के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा गया है कि न बांस रहेगा न बांसुरी बजेगी, बेनीवाल ने तंज कसा।
उन्होंने हाल ही में हुई परीक्षा को भजनलाल सरकार का असफल प्रयोग करार देते हुए मुख्यमंत्री से मांग की कि आरएसएसबी के चेयरमेन आलोक राज को अविलंब बर्खास्त किया जाए।
आज धरने के दौरान सरकार की सद्बुद्धि के विशेष सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन भी किया गया, जिसमें सांसद के साथ रालोपा कार्यकर्ताओं और परीक्षा अभ्यर्थियों ने भाग लिया। यज्ञ के माध्यम से यह कामना की गई कि सरकार, आयोग और चयन बोर्ड के अधिकारियों को सद्बुद्धि प्राप्त हो ताकि वे ईमानदारी से कार्य करें और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बंद हो।
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(Udaipur Kiran)
