
साहित्यकार जयभगवान सैनी प्रकृति प्रेम लघु कविता सम्मान से अलंकृत
साहित्य सृजन व साहित्य साधना जीवन का बने अभिन्न अंग : जयभगवान सैनी
हिसार, 20 मई (Udaipur Kiran) । साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शहर
की बड़वाली ढाणी निवासी साहित्यकार जयभगवान सैनी को लघु कविता लेखन के लिए दो सम्मानों
से अलंकृत किया गया है। सिरसा में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में साहित्यकार जयभगवान
सैनी को पटका पहनाकर और प्रमाण-पत्र व स्मृति चिह्न देकर हरियाणा प्रादेशिक लघुकविता
मंच द्वारा प्रकृति प्रेम लघुकविता सम्मान एवं वर्चुअल प्लेनेट प्रोडक्शन प्रा. लि.
मुंबई द्वारा प्रकृति लेखन लघुकविता सम्मान से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर जयभगवान सैनी ने मंगलवार काे कहा कि साहित्य सृजन व साहित्य साधना जीवन का अभिन्न
अंग बन गए हैं। हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन, सिरसा द्वारा संचालित हरियाणा
प्रादेशिक लघुकविता मंच के तत्वावधान में एवं डॉ. सुरेंद्र वर्मा की स्मृति में अखिल
भारतीय लघुकविता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सिरसा के श्री युवा साहित्य सदन में आयोजित
इस सम्मेलन में डॉ. जयभगवान सिंगला मुख्यातिथि रहे जबकि चांद वर्मा ने अध्यक्षता की।
डॉ. प्रेम कंबोज अति विशिष्ट अतिथि एवं डॉ. मधुकांत व आनंद प्रकाश आर्टिस्ट विशिष्ट
अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक लघुकविता मंच के प्रधान
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रूप देवगुण, डॉ. शील कौशिक, हरीश सेठी झिलमिल, डॉ. आरती बंसल
व ज्ञानप्रकाश पीयूष सहित काफी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे।
हिसार के लिए गौरव की बात है कि जयभगवान सैनी यात्रा संस्मरण, कविता संग्रह,
लघु कविता संग्रह व आत्मकथा सहित हरियाणवी में कई पुस्तकों की रचना कर चुके हैं। जयभगवान सैनी ने विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी की और अंत में औद्योगिक
प्रशिक्षण विभाग से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त होकर साहित्य साधना में जुट
गए। वे विभिन्न राज्यों व अनगिनत धार्मिक स्थलों की यात्रा करके उनका अवलोकन कर चुके
हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
