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साहित्यकार चूड़ामणी बड़पगा का निधन, मंडी के डुघलीघाट पर हुआ अंतिम संस्कार

साहित्यकार चूड़ामणी की नई पुस्तक सुनहरी किरण का कवर।

मंडी, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । मंडी के वािष्ठ साहित्यकार चूड़ामणी बड़पगा का रविवार को निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी धर्मी देवी, दो बेटे जिनमें पत्रकार हरदेव हरि समेत पोते, बहुओं का भरापुरा परिवार छोड़ गए हैं। 25 अक्तूबर 1950 को जन्में चूड़ामणी का जन्म मंडी शहर में हुआ था। जीवन यापन के लिए दिहाड़ीदार मजदूर से अपना सफर शुरू करने वाले चूड़ामणी ने अध्यापन, लिपिक, सहायक, वरिष्ठ सहायक, क्षेत्रीय सहायक, नायब तहसीलदार, सचिव नगर पंचायत, कार्यवाहक तहसीलदार, कार्यकारी दंडाधिकारी एवं कलेक्टर द्वित्तीय श्रेणी आदि पदों पर रहते हुए सरकारी सेवा में रहे।

चुड़ामणी बड़पगा को साहित्य के क्षेत्र में कविताएं लिखने के अलावा सांस्कृतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर लेखन का शौक स्कूल व कालजे के दौरान से ही रहा। उनकी कविताएं, बालकथाएं, लोकसंस्कृति पर सैंकड़ों लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। जिनकी पाठकों और समीक्षकों द्वारा सराहना की गई। चूड़ामणी के दो कविता संग्रह चलता रहेगा काफिला और सुनहरी किरणें प्रकाशित हो चके हैं। जबकि शाऊणी एक संघर्ष कथा अप्रकाशित रह गई।

पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे चूड़ामणी बड़पज्गा नया कविता संग्रह सुनहरी किरणें जिसका अभी विमोचन उनके द्वारा करवाना था। मगर इससे पूर्व ही वे इस दुनिया से विदा हो गए। उनके इस कविता संग्रह पर साहित्यकार मुरारी शर्मा ने टिपणी की है- कवि/लेखक चूड़ामणी बड़पज्गा समाज के वंचित वर्ग के जीवन संघर्ष, कुंठाओं, उपेक्षाओं को करीब से महसूस करने वाले सरल व सहज प्रवृति के रचनाकार हैं। इनकी कविताओं में किसी तरह के व नारेबाजी की आहट न होने के बावजूद एक सहज अभिव्यक्ति है, इनकी कविताओं की सादगी व सरलता पाठकों को आसानी से अपनी बात आसानी से समझा देती है। उनके निधन पर विभिन्न संस्थाओं, साहित्यकारों व पत्रकारों ने शोक व्यक्त किया है।

हिमा साहित्य परिषद के अध्यक्ष डा. पीसी कौंडल, सुकेत साहित्य परिषद के अध्यक्ष डा. गंगाराम राजी, लोक गायिका एवं साहित्यकार रूपेश्वरी शर्मा, हरिप्रिया शर्मा, डा. मस्तमन सैनी, डा. विजय विशाल, कृषण चंद्र महादेविया, पुरातत्व चेतना संघ के अध्यक्ष बीरबल शर्मा, प्रेस क्लब मंडी के सभी सदस्यों, साहित्यकार प्रकाश चंद्र धीमान, अपर्णा धीमान, सुरेंद्र मिश्रा, भगत सिंह गुलेरिया, उत्तम चंद शर्मा, रत्तन लाल शर्मा, भीम सिंह परदेशी आदि साहित्यकारों ने दिवंगत साहित्यकार के निधन पर शोक व्यक्त किया और शोकसंतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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