Maharashtra

पुणे में विश्व के पहले ध्यान दिवस और रामायण पुस्तक के विमोचन

मुंबई, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पुणे के राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के निसर्ग ग्राम परिसर में शनिवार को वरिष्ठ मानवविज्ञानी एवं प्रतिष्ठित गांधीवादी प्रो. आर. के. मुताटकर द्वारा लिखित ‘रामायण’ पुस्तक का हिंदी संस्करण का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर ध्यान, ध्यानासन और क्रियाओं के माध्यम से साधकों ने ध्यान की महत्ता को अनुभव किया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. भूषण पटवर्धन और सम्माननीय अतिथि पद्मश्री प्रो कटरगड्डा पड्डया मौजूद थे। कार्यक्रम में लगभग 500 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और प्राकृतिक जीवनशैली व रामायण के संदेशों के साथ ध्यान के महत्व को समझा।

प्रो. आर. के. मुताटकर ने ‘रामायण’ पुस्तक के सारांश और इसके वर्तमान संदर्भ में महत्व को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों को आज के समाज से जोडक़र व्याख्या की। मुख्य अतिथि डॉ. भूषण पटवर्धन ने रामायण पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इसे आज के समय में प्रासंगिक बताया और ध्यान दिवस को रामायण से जोडऩे की बात कही। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसे आधुनिक समाज के नैतिक और सामाजिक मूल्यों को समझने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में देखा जा सकता है। ध्यान दिवस का आयोजन और ‘रामायण’ का विमोचन साथ में होना यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति और ध्यान की परंपरा में कितना गहरा जुड़ाव है।

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(Udaipur Kiran) यादव

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