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विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन का समापन, समावेशी जलवायु कार्रवाई के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता पर रहा जोर

दिया मिर्ज़ा

नई दिल्ली, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । तीन दिनों की गहन चर्चा, रणनीतिक नीति संवादों और साहसिक वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बाद, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) द्वारा आयोजित विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2025 के 24वें संस्करण का शुक्रवार को समापन हुआ। सम्मेलन में स्थिरता और जलवायु लचीलेपन के लिए वैश्विक एजेंडे को और मजबूत करने पर जोर दिया गया। समापन सत्र में जटिल सतत विकास चुनौतियों और पर्यावरणीय चिंताओं के समाधान में सहयोगी साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।

अंतिम दिन के पहले सत्र की शुरुआत टेरी के अध्यक्ष नितिन देसाई के उद्घाटन संबोधन के साथ हुई, जिन्होंने दीर्घकालिक पर्यावरणीय और विकासात्मक प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच निरंतर संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, सतत विकास दो ज्ञान समुदायों-विकास समुदाय और पर्यावरण समुदाय के बीच सेतु का कार्य करता है। यही सततता की वास्तविक चुनौती है: हम विकास कैसे प्राप्त करें और साथ ही पर्यावरण की रक्षा कैसे करें? यह एक आसान कार्य नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे. मोहम्मद ने अपने विशेष ‘वैश्विक नेतृत्व’ (वीडियो संदेश) में संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक जलवायु कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, भूख बढ़ रही है, और हमने अब तक के सबसे गर्म वर्षों को देखा है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन हमें आशा नहीं छोड़नी चाहिए या अपनी महत्वाकांक्षाओं को कमजोर नहीं करना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम लोगों, ग्रह और समृद्धि के लिए एसडीजी को बचाने की योजना को आगे बढ़ाएं।

इस अवसर पर यूएन ईपी की गुडविल एम्बेसडर अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा ने कहा कि उन्होंने जलवायु चुनौतियों से निपटने में व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों की शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता आसान नहीं होगा। चुनौतियां आयेंगे, संदेह के क्षण भी होंगे। लेकिन यदि हम एकजुट होकर काम करें, न्याय, समानता और स्थिरता के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहें, तो मुझे विश्वास है कि हम इस अवसर का सामना आवश्यक तत्परता और संकल्प के साथ कर सकते हैं। अब एक्ट फॉर अर्थ आंदोलन की जरूरत है। यह केवल पुनर्चक्रण या पेड़ लगाने के बारे में नहीं है, बल्कि हमें पृथ्वी से फिर से जुड़ने के लिए प्रेरित करने वाला एक आंदोलन है। यह हमारी पसंद को इस तरह से निर्धारित करने का आह्वान करता है, जिससे हम अपने ग्रह की रक्षा कर सकें और पर्यावरणीय प्रभाव को कम कर सकें।

शिखर सम्मेलन का औपचारिक समापन टेरी की महानिदेशक, डॉ. विभा धवन के समापन संबोधन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने वैश्विक नेताओं, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और नागरिक समाज के योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया और एक अधिक स्थायी और लचीले भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की टेरी की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, इस वर्ष की थीम साझेदारी और सहयोग पर केंद्रित थी। जैसे-जैसे हम समापन की ओर बढ़ते हैं, हम उन विचारों और रणनीतियों से समृद्ध हैं, जो हमें भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए मार्गदर्शन करेंगी।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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