

धर्मशाला, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राजकीय कन्या माध्यमिक पाठशाला धर्मशाला में सोमवार को पीएम श्री टीबी मुक्त भारत अभियान जनभागीदारी के बारे कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रधानाचार्या ममता ठाकुर ने की। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य एवं क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश सूद ने स्कूल के बच्चों को क्षय रोग के लक्षण व बचाव से जुड़ी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ सूद ने टीबी रोग (तपेदिक) के कारण तथा निवारण पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार का कार्यक्रम है और पूरे भारत में इसे चलाया जा रहा है। डॉ सूद ने बताया कि 7 दिसम्बर से शुरू 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जा रही है।
डॉ सूद ने बताया टीबी लाइलाज बिमारी नहीं है। टीबी एक गंभीर बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है और अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह जानलेवा हो सकती है। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, थकान और वजन कम होना शामिल हैं। टीबी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जल्दी निदान और इलाज की आवश्यकता होती है।डॉ सूद ने बताया कि टीबी रोग के बारे में सही समय पर परीक्षण करने की आवश्यकता है और दवाई लेने नियमित आवश्यकता है। डॉ सूद ने सभी का आह्वान करते हुए सभी से जन सहयोग की अपील की तथा टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए जागरुकता अभियान को मजबूती से चलाने पर जोर दिया।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
