धर्मशाला, 24 मई (Udaipur Kiran) ।
कांगड़ा जिला के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय नगरोटा बगवां में बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कांगड़ा जिले के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ सीमा गुलेरिया उप निदेशक पशुपालन विभाग, जिला कांगड़ा ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के इस्तेमाल से बकरियों का नस्ल सुधार होगा जिससे बकरियों के विकास दर, स्वास्थ्य और उत्पादकता में बढ़ोतरी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस तकनीक के तहत बकरियों के लिए बीटल और जुमनापारी नस्ल के बकरों का वीर्य जिले के ग्यारह पशु चिकित्सालयों में उपलब्ध करवाया गया है। एक बकरी के कृत्रिम गर्भाधान पर 25 रुपये का खर्च आएगा।
इस कार्यशाला के मास्टर ट्रेनर डॉ सर्वेश गुप्ता, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी नगरोटा बगवां ने पॉवर पॉइंट प्रस्तुती द्वारा कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रदान करवाई। उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान की ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मादा पशु को स्वाभाविक रूप से गर्भित करने के स्थान पर कृत्रिम विधि से गर्भित करवाया जाता है। बीटल और जुमनापारी नस्ल की बकरियां मांस और दूध उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। कृत्रिम गर्भाधान से अच्छे नस्ल के मेमने पैदा होंगे, जिससे पशुपालकों की आय में भी वृद्धि होगी।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
