
हरिद्वार, 5 मार्च (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूसीओएसटी) द्वारा प्रायोजित डिजिटल वालंटियर कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य ब्लॉकचेन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, आईओटी, मशीन लर्निंग और संबंधित उभरते क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकी प्रगति और शोध के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
सत्र के मुख्य वक्ता अहमदाबाद के निरमा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुदीप तंवर थे, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग के एक प्रतिष्ठित शोधकर्ता और शिक्षाविद हैं। प्रोफेसर तंवर ने यूजी, पीजी और पीएचडी छात्रों के लिए उभरती चुनौतियों और शोध के दायरे पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अंतःविषय अनुसंधान के महत्व और छात्रों द्वारा नए युग की प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान देने के तरीके पर जोर दिया। सत्र में प्रतिभागियों ने वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों, भविष्य की नौकरी की संभावनाओं और नवीन शोध क्षेत्रों पर चर्चा की।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. ने इस पहल और यूसीओएसटी के साथ सहयोग की सराहना की। उन्होंने सतत विकास को आगे बढ़ाने में तकनीकी प्रगति के महत्व को दोहराया और छात्रों को अकादमिक और पेशेवर उत्कृष्टता के लिए ऐसे अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह कार्यक्रम युवा शोधकर्ताओं के लिए भविष्य की तकनीकों और समाज पर उनके संभावित प्रभाव के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कह कि इस तरह की कार्यशालाएं महत्वाकांक्षी इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर मयंक अग्रवाल ने डिजिटल साक्षरता और उन्नत तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूसीओएसटी) की भूमिका की सराहना की, छात्रों को एआई, ब्लॉकचेन और आईओटी में नए रास्ते तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. विपुल शर्मा, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन ने उभरते तकनीकी ज्ञान के साथ युवा दिमागों को सशक्त बनाने की पहल की प्रशंसा की। डॉ. सुयश भारद्वाज ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सीखने और उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
