Uttar Pradesh

सरकारी योजनाओं से संतृप्त होंगे श्रमिक, अब श्रम से शिक्षा की ओर

श्रमिकों से संवाद करती जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन

विन्ध्य विश्वविद्यालय परिसर में श्रमिकों के लिए चला बदलाव का अभियान

मीरजापुर, 29 मई (Udaipur Kiran) । विकास के इस दौर में श्रमिकों को केवल ईंट-गारे तक सीमित न रखकर उन्हें योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा से जोड़ने की जो पहल मिर्जापुर में हो रही है, वह निश्चय ही एक मॉडल प्रयास बन सकता है। ऐसे सभी श्रमिकों को सरकारी योजनाओं से संतृप्त किया जाएगा।जहां एक ओर ईंट, सीमेंट और पसीने से विश्वविद्यालय की इमारत आकार ले रही है, वहीं दूसरी ओर उसी परिसर में श्रमिकों के भविष्य की बुनियाद भी मजबूत की जा रही है।

मड़िहान तहसील क्षेत्र के देवरी कला स्थित निर्माणाधीन विन्ध्य विश्वविद्यालय में गुरुवार को ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला, जब मजदूरों के लिए पंजीयन कैंप और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और कुलपति डॉ. शोभा गौड़ ने की।

जिलाधिकारी ने कहा कि सिर्फ इमारतें नहीं, हम इंसानों का भविष्य भी गढ़ रहे हैं। निर्माण में जुटे हर श्रमिक का पंजीकरण कराया जाए, ताकि वह सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सके। इस मौके पर कई योजनाओं जैसे मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना और कन्या विवाह सहायता योजना के तहत श्रमिकों को लाभ भी प्रदान किया गया। ये योजनाएं न सिर्फ आर्थिक सहारा हैं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम भी हैं।

श्रमिकों की मेहनत का बोझ सिर्फ कंधों पर नहीं, सेहत पर भी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए लगे स्वास्थ्य शिविर में 100 से अधिक श्रमिकों की जांच की गई। डॉक्टरों ने दवाइयों से ज्यादा जरूरी जानकारी, जागरूकता और समय पर इलाज काे लेकर समझाया।

कार्यक्रम में अटल आवासीय विद्यालय, जो गुरमुरा (सोनभद्र) में खास निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए खुला है, के बारे में प्रेरक जानकारी साझा की गई। सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह ने बताया कि अगर बच्चा परीक्षा पास करता है तो कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई बिल्कुल मुफ्त, नवोदय जैसी सुविधाएं। यही श्रम से शिक्षा की ओर असली बदलाव है।

जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि योजनाओं की जानकारी श्रमिकों तक दीवार लेखन, माइकिंग, पर्चे और गांव-गांव कैम्पों के जरिए पहुंचाई जाए। जब तक हर श्रमिक को उसके अधिकार नहीं पता, तब तक हम अधूरे हैं।

कार्यक्रम में श्रम प्रवर्तन अधिकारी आलोक रंजन, स्वास्थ्य विभाग और श्रम विभाग की टीमों की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने मिलकर यह साबित कर दिया कि सरकारी प्रयास अगर जमीन से जुड़ें तो बदलाव निश्चित है।—————-

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

Most Popular

To Top