जींद, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । संयुक्त किसान मोर्चा एवं ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को ऐतिहासिक किसान आंदोलन की चौथी बरसी एवं संविधान दिवस के अवसर पर किसान, मजदूरों नें शहर में चेतावनी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने लघु सचिवालय पहुंच कर उपायुक्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले किसान-मजदूर के नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और जनसभा की। जिसकी अध्यक्षता सयुंक्त रूप से किसान सभा की नेता अनीता कर्मगढ़, किसान यूनियन से रामफल कंडेला, सतबीर खरल, आजाद आदि ने की।
मजदूर व किसान ने बताया कि चार साल पहले आज ही के दिन लामबांदी के माध्यम से मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। लंबे संघर्ष के बाद कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों से किए गए वादे आजतक पूरे नहीं हुए हैं। श्रम की आउटसोर्स और ठेकाकरण की नीति खत्म हो। संगठित, असंगठित, स्कीम वर्कर्स और कृषि क्षेत्र के सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये मासिक व सामाजिक सुरक्षा लागू की जाए। किसानों व मजदूरों की कर्जामुक्ति हो।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सामाजिक सेवाओं का निजीकरण बंद होद्ध बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने बंद किए जाए। अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण समाप्त हो। मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपये मजदूरी दी जाए। सभी लोगों को जो किसी योजना में शामिल नहीं हैं उनकों 10 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए। निर्माण मजदूरों का कल्याण बोर्ड में पंजीकरण हो। खेत मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून बने व लागू हो। डीएपी, यूरिया खाद की आपूर्ति बढाई जाए ताकि किसानों को आपूर्ति अनुसार दिया जा सके। पराली जलाने के नाम पर बनाए गए झूठे मुकदमों को रद्द किया जाए। इस मौके पर सतीश बडौदी, संजीव ढांडा, नफे सिंह ईगराह, विक्रम सिंह, फूल सिंह श्योकंद रमेश, आजाद पालवां आदि ने संबोधित किया।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा