भोपाल, 7 नवम्बर (Udaipur Kiran) । नगरीय विकास एवं आवास विभाग प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की सीवर लाइनों और सेप्टिक टेंकों में मेन्युअल सफाई कार्य पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिये लगातार कार्य कर रहा है। इसके लिये विभाग ने जल-मल प्रबंधन नीति-2023 (मेन होल टू मशीन होल) लागू की है। नीति के माध्यम से इन कार्यों में लगे सफाई कर्मियों के पुनर्वास के लिये विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ कार्य कर रहा है।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि नगरीय विकास विभाग ने एक कार्यक्रम बनाकर सफाई मित्रों और उनके आश्रितों का सर्वेक्षण कराया है। इसके साथ ही इन सफाई कर्मियों आर्थिक कल्याण के लिये स्वच्छता उद्यमी योजना संचालित की जा रही है। सर्वेक्षण के बाद चिन्हित किये गये सफाईकर्मियों को केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के प्रयास किये जा रहे है। इनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास, जन-धन, आयुष्मान और स्वावलंबन से जुड़ी योजना में जोड़े जाने का कार्य भी किया जा रहा है।
वित्तीय मदद के लिये तैयार किये जा रहे है प्रकरण
इस नीति के तहत सीवर लाइनों और सेप्टिक टेंकों की मेन्युअल से यांत्रिक सफाई में बदलाव के लिये वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के लिये भी योजना तैयार की गई है। इसमें स्वच्छता संबंधी उपकरणों, वाहनों और मशीनों की खरीदी के लिये चेनलाइजिंग एजेंसियों और बैंकों के साथ नगरीय निकायों से जुड़े ठेकेदारों को वित्तीय सहायता के रूप में रियायती ऋण भी उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। चयनित सफाई कर्मियों को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से मदद पहुंचाने के लिये उनके प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं।
सफाई कर्मियों की मृत्यु दर कम करने के प्रयास
जल-मल प्रबंधन नीति-2023 के माध्यम से प्रदेश में सीवर लाइन और सेप्टिक टेंक में मानव द्वारा सफाई पर रोक लगाकर इसे पूर्ण रूप से मशीनीकृत किया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले सफाई कर्मी मृत्यु दर को शून्य किया जा सकेगा। जल-मल प्रबंधन नीति 2023 नगरीय विकास एवं आवास विभाग की वेबसाइट mpurban.gov.in से डॉउनलोड की जा सकती है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत