शिमला, 21 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में बस किराए और स्कूल बस पास की दरों में की गई भारी वृद्धि का विरोध तेज होता जा रहा है। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने इस बढ़ोतरी को आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ करार देते हुए तीव्र विरोध दर्ज किया है और चेतावनी दी है कि यदि किराया वापिस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ा जाएगा।
महिला समिति की राज्य अध्यक्ष फालमा चौहान और राज्य सचिव डॉ. वीना वैद्य ने बुधवार को एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि प्रदेश सरकार ने पहले ही अक्टूबर 2024 में शिमला के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बस पास की दरों में भारी बढ़ोतरी की थी। उस समय पांच किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए पास शुल्क सीधे 910 से बढ़ाकर 1450 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया था। अब मात्र छह माह बाद इसे एक बार फिर 1450 से बढ़ाकर 2500 रुपये कर देना आम अभिभावकों के साथ अन्याय है।
इसके साथ ही सरकार ने न्यूनतम बस किराया 5 से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया है और जनरल किराए में 15% की बढ़ोतरी की है। समिति का कहना है कि पहले से ही आम लोग महंगाई, बढ़ी हुई स्कूल फीस और जीवनयापन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में बस किराए और पास दरों में बढ़ोतरी करना जनविरोधी कदम है।
महिला समिति का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर लोग परिवहन के लिए केवल बसों पर निर्भर हैं और विशेषकर बच्चे अपने विद्यालय जाने के लिए बस सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में किराए में भारी वृद्धि से सीधा असर अभिभावकों की जेब पर पड़ेगा।
समिति ने सरकार और पथ परिवहन निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि यह निर्णय तुरंत वापिस नहीं लिया गया, तो जनवादी महिला समिति प्रदेश भर में महिलाओं, बच्चों और अभिभावकों को संगठित कर सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी और निगम का घेराव किया जाएगा। समिति ने स्पष्ट किया है कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार सरकार और परिवहन प्रशासन होंगे।
महिला समिति ने मांग की है कि आम जनता को राहत देने के लिए स्कूल पास की दरों को पूर्व स्थिति में लाया जाए और साथ ही न्यूनतम किराया वृद्धि और जनरल किराया में की गई 15% बढ़ोतरी को भी तुरंत वापिस लिया जाए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
