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उल्लू एप के प्रबंधन से महिला आयोग ने पूछा सवाल, क्या होगा अगर ऐसी सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे

महिला आयोग अध्यक्ष विजया राहटकर

नई दिल्ली, 9 मई (Udaipur Kiran) । अश्लील सामग्री परोसने वाले उल्लू एप के सीईओ अविनाश दुगर और संचालन प्रमुख प्रियंका चौरसिया शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के समक्ष पेश हुए। आयोग की अध्यक्ष ने उन्हें सामग्री निर्माता के रूप में उनकी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए कहा कि क्या होगा अगर ऐसी अश्लील सामग्री आपके अपने बच्चों तक पहुंचेगी?

आयोग के मुख्यालय में सुनवाई के दौरान अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि मनोरंजन और शोषण के बीच एक धुंधली रेखा है और हाउस अरेस्ट इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। मनोरंजन की आड़ में महिलाओं के शोषण को बढ़ावा दे रहा है।

आयोग ने एप की सामान्य सामग्री प्रोफ़ाइल पर गहरी चिंता व्यक्त की, जो अनाचार, महिलाओं के वस्तुकरण और सॉफ्ट पोर्नोग्राफ़ी का महिमामंडन करती प्रतीत होती है, जिनमें से सभी युवा, संवेदनशील दिमाग पर विनाशकारी मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकते हैं।

यह देखा गया कि न केवल हाउस अरेस्ट बल्कि उल्लू एप पर कई अन्य कार्यक्रम बेहद परेशान करने वाले और अपमानजनक कंटेंट प्रदर्शित करते हैं, जिससे आयोग को गंभीर विनियामक कार्रवाई पर विचार करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसमें प्लेटफ़ॉर्म को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की सिफारिश भी शामिल है।

आयोग ने यह भी कहा कि यह प्लेटफॉर्म कानूनी प्रावधानों का घोर उल्लंघन कर सकता है, क्योंकि इसने अपने डिजिटल वितरण के माध्यम से अश्लील और कामुक सामग्री जानबूझकर प्रसारित की है।

अध्यक्ष ने प्लेटफॉर्म को ऐसी सामग्री के सामाजिक निहितार्थों पर एक व्यापक प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने और यौन रूप से स्पष्ट, शोषणकारी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सुधारात्मक उपायों की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया।

समन किए जाने के बावजूद, एजाज खान शुक्रवार को आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इस बात को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने दूसरा नोटिस जारी किया है, जिसे अब पुलिस अधिकारियों के माध्यम से भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि महिला आयोग ने महिलाओं को लक्षित करने वाली अत्यधिक अश्लील और अपमानजनक सामग्री के मद्देनजर ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म उल्लू ऐप के प्रबंधन और इसके कार्यक्रम हाउस अरेस्ट के होस्ट एजाज खान को नोटिस जारी किया था। आयोग ने संज्ञान लेते हुए महिलाओं को वस्तु के रूप में परोसने और मनोरंजन के रूप में डिजिटल मीडिया में महिला विरोधी कथाओं की बढ़ती संस्कृति पर गंभीर चिंता जताई।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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