
शिमला, 28 मई (Udaipur Kiran) । राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के क्रमिक अनशन को बुधवार को 33 दिन हो गए हैं। इस दौरान संघ की जिला शिमला इकाई की महिला पदाधिकारियों ने आंदोलन में भागीदारी निभाते हुए अनशन स्थल पर मोर्चा संभाला।
अनशन पर बैठने वालों में प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की सह सचिव रीना चौहान, दिव्य चौहान, कांता चौहान, अमृता नेगी, सरिता बरसाना और नीरा पाम्टा शामिल रहीं। इस मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा, महासचिव संजय पी.सी., संघर्ष समिति अध्यक्ष प्रमोद चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप ठाकुर, सह सचिव राकेश पटियाल सहित अन्य जिला पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
संघ अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को एक अलग निदेशालय बनाए जाने की प्रक्रिया में पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। पहले यह कहा गया था कि SOPs तैयार कर सभी पक्षों से चर्चा की जाएगी, लेकिन बिना किसी परामर्श के 5 अप्रैल को अचानक अधिसूचना जारी कर दी गई।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी निलंबित शिक्षकों की बहाली में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए 31 मई से पहले उन्हें बहाल करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार से कई बार वार्ता का प्रयास किया गया लेकिन शिक्षकों की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया जिससे वे आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं। यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं किया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
महिला शिक्षिकाओं ने चेतावनी दी कि अगर प्राथमिक शिक्षा के मौजूदा ढांचे से छेड़छाड़ की गई तो प्रदेश की हर शिक्षिका सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि संघ को वार्ता के लिए शीघ्र बुलाया जाए।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
