
मुरैना, 31 मार्च (Udaipur Kiran) । सोमवार को गणगौर का त्यौहार होने से महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए गणगौर मैया की पूजा अर्चना कर व्रत रखा। इस दौरान महिलाओं ने गणगौर मैया की कथा सुनी।
सुहागन महिलाओं द्वारा गणगौर व्रत को लेकर परंपरा के अनुसार घरों में पकवान बनाए। इस अवसर पर विशेष तौर पर गुना बनाए जाते हैं। इसलिए घरों पर गुना भी बनाए गए। सुहागन महिलाओं द्वारा व्रत रखकर 16 श्रृंगार कर भक्ति भाव के साथ कथा सुनी। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन इस गणगौर के त्यौहार को सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए मिट्टी से शिव पार्वती की मूर्ति बनाकर पूरे विधि विधान से व्रत रखती हैं। इस व्रत में सुहागन महिलाएं दिन भर बिना पानी के ही रहती हैं। शाम को कथा स्थल पर सामूहिक रूप से एकत्रित होकर पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। पूजा करने के बाद महिलाओं द्वारा मिट्टी से तैयार की गई शिव पार्वती की प्रतिमा को पानी में विसर्जित किया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणगौर व्रत की शुरुआत माता पार्वती ने अपने पति के रूप में भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने माता पार्वती को दर्शन दिए और उनसे वर मांगने के लिए कहा। तब माता पार्वती ने भगवान शिव को ही अपने वर के रूप में मांग लिया और भगवान शिव ने पार्वती को मांगा गया वरदान भी प्रदान कर दिया। इसके बाद पार्वती एवं भगवान शिव का विवाह हो गया। तभी से सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र एवं निरोगी काया के लिए इस व्रत को विधि विधान के साथ गणगौर के दिन करती हैं।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा
