कोरबा, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कोरबा कलेक्ट्रेट में मुख्य अतिथि रीना अजय जायसवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, कोरबा और चिराग ठक्कर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने साेमवार काे टी एवं कॉफी आउटलेट ‘उनाटी’ का उद्घाटन किया। छत्तीसगढ़ में संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के सहयोग से बालको की उन्नति परियोजना के माइक्रो एंटरप्राइज ‘उनाटी’ के स्टॉल की शुरुआत की गई। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं कलेक्ट्रेट में विभिन्न फ्लेवर की चाय, कॉफी और नाश्ता बेचेंगी। बिहान और बालको द्वारा एसएचजी महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके बेहतर जीवनशैली को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।
कलेक्ट्रेट परिसर में उन्नति परियोजना के अंतर्गत आउटलेट ‘उनाटी’ को ग्राम नकटीखार की मातृ भूमि स्व सहायता समूह द्वारा संचालित किया जाएगा। यहां जसपूर एवं बस्तर से उत्पादित चाय तथा कॉफी के विभिन्न फ्लेवर के साथ छत्तीसगढ़ी पारंपरिक कलेवा का स्वाद भी ग्राहक ले सकेंगे। उन्नति परियोजन के छत्तीसा माइक्रो एंटरप्राइज द्वारा निर्मित सलोनी, खाजा और चॉकलेट भी यहां पर विक्रय हेतु उपलब्ध रहेंगे। महिलाओं के द्वारा संचालित इस उद्यम का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है, इसीलिए बालको एवं बिहान मंच के संयुक्त प्रयास से ऐसे अन्य उद्यम इकाइयों की स्थापना और प्रोत्साहन की योजना है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने उन्नति परियोजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से हम समुदाय में सकारात्मक बदलाव के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बने तथा समाज में अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करें। श्री कुमार ने कहा कि महिलाएं अपने परिवार, समाज और देश को बुलंदियों पर ले जाने में अपना योगदान दे रही हैं।
चिराग ठक्कर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने एसएचजी महिलाओं को संबोधित किया और बिहान कार्यक्रम की ओर से सक्रिय सहभागिता के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि यह सूक्ष्म उद्यम महिलाओं के स्वावलम्बन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास है। छत्तीसगढ़ में मिशन बिहान एक महत्वाकांक्षी योजना हैं जो एसएचजी महिलाओं को रोजगार के लिए एक निश्चित प्लेटफ़ार्म उपलब्ध कराता है। जहां वो अपने निर्मित सामग्रियों को आसानी से बिक्री कर सकें।
‘उनाटी’ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली नकटीखार की रामबाई ‘मातृ भूमि’ स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। बालको के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बालको के सहयोग से आज मैं खुद के पैरों पर खड़ी हूं। आर्थिक आत्मनिर्भरता ने मुझे एक नया आत्मविश्वास दिया है। अब मैं घर के खर्च में भागीदारी निभाने में सक्षम हूं।
बालको की उन्नति परियोजना एसएचजी की महिलाओं के लिए लक्षित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करती है। ‘छत्तीसा’ के अंतर्गत एसएचजी महिलाओं को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाना का प्रशिक्षण दिये गए हैं। उन्नति परियोजना सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जीपीआर स्ट्रेटजीज एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी से चल रही है। जीपीआरएसएस के सहयोग से महिलाओं को अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है जिससे उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। कोरबा के 45 शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 531 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5768 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी