
मुंबई,9 मार्च (Udaipur Kiran) ।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर जिला परिषद के महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत एक अनुकरणीय पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका, आशा कार्यकर्ता और विशेष दक्षता हासिल करने वाली एक लड़की को परियोजना निदेशक छायादेवी शिसोदे द्वारा सम्मानित किया गया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की उत्कृष्ट योजना बनाई गई। 8 मार्च 2025 को बी. यह कार्यक्रम जे हाई स्कूल, ठाणे के सभागार में आयोजित किया गया था।
जिला परिषद परियोजना निदेशक छायादेवी शिसोदे ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, पर्यवेक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं और महिला कर्मचारियों को सम्मानित करना उनके कार्य की सराहना करने के लिए महत्वपूर्ण है। ठाणे जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, पर्यवेक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं और महिला कर्मचारियों ने बहुत अच्छा काम किया है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और अपने दैनिक कार्यों में वित्तीय स्वतंत्रता के लिए प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. गंगाधर पारगे, चिकित्सा अधिकारी डॉ. तारुलता धानके, सामाजिक कार्यकर्ता उज्ज्वला गलांडे, सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, सम्मानित व्यक्ति और उनके परिवार, जिला परिषद अधिकारी और कर्मचारी आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय बागुल ने अपने परिचय में जिला परिषद के अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि ठाणे जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के लिए आईआईटी बॉम्बे की मदद से और एक सामाजिक संगठन की मदद से बाल्य विदा, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने में सफलता मिली है। इस कार्य में सफलता इस विभाग की महिला अधिकारियों और कर्मचारियों की वजह से संभव हुई है।
इस अवसर पर 2 पर्यवेक्षकों, 8 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, 8 आंगनवाड़ी सहायिकाओं और 8 आशा कार्यकर्ताओं सहित कुल 26 कर्मचारियों को 10,000/- रुपये (केवल दस हजार रुपये) का चेक, एक पट्टिका और एक प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विशेष उत्कृष्टता हासिल करने वाली एक लड़की को सम्मानित किया गया और पुरस्कार राशि 15,000 रुपये थी। 20,000/- (केवल बीस हजार रुपये) का चेक, एक स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में थियेटर ऑफ रेलेवंस के कलाकारों द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
