—नगर आयुक्त ने नायब मोहर्रिर को किया निलम्बित,फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाली महिला के विरूद्ध दर्ज होगी प्राथमिकी
वाराणसी, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सम्पत्ति और मकान के लालच में एक महिला ने अपने पति, सास—ससुर को मृत दिखा दिया। महिला ने ससुर के मकान को अपने नाम पर चढ़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज का सहारा लिया। इस कार्य में नगर निगम के भ्रष्ट कर्मियों ने भी पूरा सहयोग महिला को दिया। मामला नगर आयुक्त के संज्ञान में आते ही कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। बुधवार को नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इस मामले में कर अधीक्षक मुन्ना राम को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ उनके निलम्बन करने की संस्तुति पत्र शासन को भेजा। नगर आयुक्त ने अग्रिम आदेश तक उनका वेतन भी रोक दिया।
इस मामले में नगर आयुक्त ने क्षेत्रीय कर निरीक्षक, द्वितीय श्रेणी कुंवर विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। दरअसल डिठोरी महाल, अर्दली बाजार निवासिनी एक महिला अर्पणा सिंह ने पति मनीष सिंह, ससुर प्रमोद सिंह, सास राजकुमारी सिंह को मृत दिखाकर मकान अपने नाम चढ़ाने के लिए आवेदन किया था। नगर निगम के भ्रष्ट अफसरों ने अवैध धन उगाही कर मकान अर्पणा सिंह के नाम पर चढ़ा दिया। इस मामले में विनोद कुमार सिंह नाम के व्यक्ति ने नगर आयुक्त से मिलकर लिखित शिकायत किया। बताया कि मनीष सिंह के पिता प्रमोद कुमार सिंह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त होकर अभी पेंशन ले रहे हैं। खुद मनीष सिंह एक नामी कम्पनी में एमडी के पद पर कार्यरत है।
नगर आयुक्त ने इस प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये सभी पत्रावली की जांच करायी तो पाया कि अर्पणा सिंह ने कूटरचित प्रकार से जौनपुर नगर पालिका से तीनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर आवेदन किया था। महिला ने मकान के नामान्तरण के लिए अन्य अभिलेख भी फर्जी लगाये थे। नगर आयुक्त ने जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित करने के आरोप में जोनल अधिकारी वरूणापार को अर्पणा सिंह के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने का आदेश दिया। इसके बाद तत्कालीन कर अधीक्षक मुन्ना राम को अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर धारा-213 की नोटिस अपने हस्ताक्षर से जारी करने पर प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुये अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोका। इस मामले में नायब मोहर्रिर कुंवर विक्रम सिंह की संलिप्तता पायी गयी। उन्होंने गलत तरीके से नामान्तरण के लिए प्रस्ताव दिया था। कुंवर विक्रम को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी