साढे तीन माह बाद मामला दर्ज
कैथल, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रसव के दौरान पत्नी की मौत के बाद पति ने सरकारी अस्पताल की डॉक्टर को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। आरोप है कि सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान बार-बार बुलाने के बाद भी डॉक्टर मरीज का इलाज करने के लिए नहीं पहुंची। घटना 17 मई की है। डीसी के आदेश के बाद गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच रिपोर्ट में डॉक्टर पर लगाए गए आप सही पाए गए हैं।
सिविल लाइन थाना में दर्ज मामले के अनुसार गांव सारन निवासी सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि उसकी 25 वर्षीय पत्नी सोनिया गर्भवती थी और 17 मई को उसकी डिलिवरी होनी थी। इसके लिए वह अपनी पत्नी को जिला नागरिक अस्पताल में ले आया और दाखिल करवा दिया। उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। पहले तो अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने सामान्य डिलिवरी का प्रयास किया, लेकिन जब सामान्य डिलिवरी नहीं हुई तो उसे सिजेरियन डिलिवरी के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले गए। उस समय ड्यूटी पर डॉ. सुमन गर्ग थी। ऑपरेशन थियेटर में उसकी पत्नी की हालात खराब होने लगी।
अस्पताल स्टाफ उसकी पत्नी का ऑपरेशन करने के लिए बार-बार डॉ. सुमन को ओटी में बुलाता रहा, लेकिन वह नहीं आई। डॉक्टर ने ओटी में आने को लेकर उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जब बार-बार कहने पर भी डॉक्टर वहां नहीं आई तो मजबूरन अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने ऑपरेशन से डिलिवरी करवानी पड़ी। काफी देर होने की कारण बच्चा तो सुरक्षित पैदा हो गया, लेकिन उसकी पत्नी की हालत बिगड़ गई और अस्पताल की ओर से उसको करनाल रेफर कर दिया गया। जब वे उसकी पत्नी को करनाल ले जा रहे थे तो रास्ते में उसकी मौत हो गई।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी की मौत डॉ. सुमन गर्ग की लापरवाही से हुई है। थाना प्रभारी शीलावंती ने बताया कि इस संबंध में पीड़ित युवक ने अस्पताल प्रबंधन को शिकायत दी थी और साथ ही डीसी को भी अवगत करवाया था। मामले में अस्पताल की ओर से जांच के लिए कमेटी बनी थी। कमेटी ने रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को दी। अब अधिकारियों के आदेश पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की आगामी जांच कर रही है।
(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज