रायबरेली, 03 अगस्त (Udaipur Kiran) । रायबरेली में फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने के मामले में पुलिस ने बड़े नेटवर्क पर से पर्दा उठाया है। पुलिस ने एटीएस की मदद से अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़े रैकेट के छह लोगों की गिरफ्तारी की है। इसके पहले ग्राम विकास अधिकारी सहित चार लोगाें काे इसी मामले में जेल भेजा जा चुका है।
शनिवार को मामले में खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि यह सभी लोग आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए थे। जब किसी को कोई जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी, तो वह ग्रुप में उसका नाम, जन्मतिथि व माता-पिता का नाम व पता लिखकर मैसेज कर देता था। ग्रुप में जुड़े हुए व्यक्ति जिसके पास उस समय के ग्राम विकास अधिकारी के लॉगिन आईडी व पासवर्ड उपलब्ध होता है, उसी ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से विवरण भर के जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कर उसकी पीडीएफ फाइल बनाकर ग्रुप में डाल देता था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपनी लॉगिन आईडी उस समय प्रयोग करके विभिन्न जन सेवा केंद्र संचालकों के माध्यम से यह कार्रवाई की जाती थी। जिस कारण इस तरह के फर्जी कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र आसानी से बन जाया करते थे। जिसे यह फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिलता था, वह बार कोड के माध्यम से पेमेंट कर देता था। यह लोग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग जन्म तिथि में हेरफेर कर सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुचित लाभ प्राप्त कराने के लिए भी करते रहे। एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीम ने सोनभद्र निवासी गोविंद केसरी, सन्त कबीर नगर निवासी आकाश, गोरखपुर के सलमान अली, संजीव कुमार निवासी कुशीनगर, वैभव उपाध्याय निवासी प्रतापगढ़ व शाहनवाज निवासी मुरादाबाद को गिरफ्तार किया है।
उन्हाेंने बताया कि इसके पहले आरोपी ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत जीशान, सुहैल व रियाज को जेल भेज चुकी है। एटीएस और पुलिस को आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण उपकरण मिले हैं। जिनमें तीन टैबलेट, 11 मोबाइल, 7 लैपटॉप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व आधार कार्ड बरामद हुए हैं। मामले की जांच जारी है।
(Udaipur Kiran) / रजनीश पांडे / शरद चंद्र बाजपेयी / Siyaram Pandey