कोरबा 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । विशेष पिछड़ी जनजातियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ की गई कल्याणकारी योजना पीएम जनमन का लाभ सुदूर अंचलों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य वाले इलाकों तक पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जिले में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का स्वयं के पक्के मकान निर्माण के सपने को हकीकत में बदला जा रहा है।
जिले के पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत डूमरकछार की रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर समूह की बुधवारा बाई को पीएम आवास निर्माण होने से कच्चे मकान में जिंदगी बसर करने से राहत मिली है। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के घर मे खुशहाली के साथ रह रही है। हितग्राही ने बताया कि वह पहले अपने कच्चे मकान में परिवार के साथ रहती थी। पक्का आवास की इच्छा तो हमेशा से थी परंतु जितनी घर की आमदनी थी उसमें परिवार का पालन पोषण हो पाता था। थोड़ी बहुत जमा पूंजी कच्चे मकान की समय-समय पर मरम्मत में खर्च हो जाती थी। जिससे उनका पक्का मकान बनाने का सपना, सपना ही रह गया था।
योजना का लाभ लेकर पक्का मकान बन जाने से बुधवारा बाई को इन सभी परेशानियों से छुटकारा मिला है। अब उसे बारिश में छत से पानी टपकने या गीले दीवारों की चिंता नहीं रही। साथ ही सांप बिच्छुओं का भी डर नही रहा। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में खुद को सुरक्षित महसूस करती है एवं सुखद जीवन व्यतीत कर रही है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत वर्ष 2023-24 में आवास निर्माण हेतु स्वीकृति मिली। मकान निर्माण की विभिन्न चरणों में उन्हें दाे लाख रुपये की राशि चार किश्तों में उनके बैंक खाते में मिली तथा मनरेगा के माध्यम से 95 दिवस की मजदूरी की राशि भी प्राप्त हुई। हितग्राही ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से उनके सामाजिक जीवन में काफी बदलाव आया है, उन्हें शासन की अनेक योजनाओ का लाभ नियमित रूप से मिल रहा है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का घर बनाने के सपने को सच करने हेतु जिला प्रशासन सहित प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी