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बीकानेर रेल मंडल में तकनीकी कार्य के पूर्ण होने से यार्ड में दो गाड़ियां एक साथ प्रवेश कर सकेंगी

तकनीकी कार्य के पूर्ण होने से यार्ड में दो गाड़ियां एक साथ प्रवेश कर सकेंगी, विपरीत में भी जा सकेंगी

बीकानेर, 2 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । बीकानेर रेल मंडल के सूरतगढ़- बठिंडा खंड में बागवाली स्टेशन पर चल रहा तकनीकी कार्य आज पूर्ण हो गया है। इसके अंतर्गत गाड़ी संचालन हेतु, लाइन नंबर एक व तीन को लूप लाइन में परिवर्तित किया एवं लाइन नंबर दो को मेनलाइन बनाया। इस तकनीकी कार्य के पूर्ण होने से यार्ड में दो गाड़ियां एक साथ प्रवेश कर सकेंगी एवं यार्ड से विपरीत दिशाओं में गाड़ियां जा सकेंगी। अर्थात लाइन नंबर एक जो पहले मेन लाइन थी, उसको अब लूप लाइन बना दिया, जिससे कि आने वाली गाड़ी एक नंबर लाइन पर खड़ी हो सकेगी एवं दो नम्बर लाइन से गाड़ी थ्रू जा सकती है या लूप लाइन नंबर तीन पर खड़ी हो सकती है।

इस तकनीकी कार्य के पूर्ण होने से गाड़ियां जो पहले 15 kmph से यार्ड में प्रवेश करती थी वो गाड़ियां अब 30 kmph से प्रवेश कर सकती हैं। इससे गाड़ियों के क्रॉसिंग में लगने वाला समय कम लगेगा,इससे रेल संचालन में सहायता मिलेगी एवं यात्रियों को भी समय-लाभ होगा।

साथ ही सिग्नल व्यवस्था को भी उन्नत बनाया गया है।

रेलवे के सीनियर डीसीएम भूपेश यादव के अनुसार इसके अंतर्गत अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग किया गया है –

फ्यूज अलार्म सिस्टम

इसके अंतर्गत ऐसी पद्धति का उपयोग किया गया है जिसमें दो फ्यूजों का उपयोग किया जाता है। जिसमें से यदि एक फ्यूज भी खराब होता है, तो सिग्नल व्यवस्था बाधित नहीं होती है, साथ ही मोबाइल मैसेज के माध्यम से इंजीनियर सहित स्टाफ को पता चलता है एवम तकनीकी खराबी को दुरुस्त किया जाता है।

इस अत्याधुनिक तकनीकी कार्य के पूर्ण होने से गाड़ियों के लोको पायलटों को उच्च श्रेणी की सिग्नल व्यवस्था उपलब्ध होगी जिससे श्रेष्ठ गाड़ी संचालन होगा।

स्वचालित फायर सिस्टम

इसके अंतर्गत ऐसे सिस्टम को विकसित किया गया है, जिससे कि यदि स्टेशन के सिग्नल विभाग के कक्ष में उपकरणों में किसी प्रकार की धुँआ या तापमान बढ़ता है, तो स्वचालित सिस्टम इस धुंआ या बढ़ते तापमान को डिटेक्ट करके स्टेशन मास्टर सहित, इंजीनियरों को मैसेज भेजेगा जिससे की आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने से पहले ही तकनीकी त्रुटि का पता लगाकर इसे दुरुस्त किया जा सके। उपरोक्त तकनीकी कार्यों को पूर्ण करने में लगभग 2 करोड रुपए खर्च हुए हैं।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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