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हंगामेदार रहेगा हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 

शिमला, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला के तपोवन में 18 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। चार दिन तक चलने वाले सत्र में सत्तापक्ष कांग्रेस और विपक्ष भाजपा के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिलेगी। हाल ही में सरकार के खिलाफ राज्यपाल को सौंपे गए 18 आरोपों और 10 गारंटियों के मुद्दे पर विपक्षी पार्टी भाजपा सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को घेरने का पूरा प्रयास करेगी। वहीं कांग्रेस सरकार अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करेगी। इनमें ओपीएस सहित कई गारंटियों को पूरा करने सहित जनहित में शुरू की गई योजनाएं शामिल हैं।

विपक्षी दल भाजपा के पास शीतकालीन सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा राज्यपाल द्वारा पेश किए गए 18 आरोपों का होगा जिसमें वो सरकार से संबंधित कई गंभीर सवाल उठाएगी। इसके अलावा भाजपा कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई विभिन्न गारंटियों पर भी सवाल उठाने का मौका नहीं छोड़ेगी। भाजपा नेताओं का लगातार कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जनता से जो वादे किए थे। उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है और सरकार के कार्यकाल में कई मुद्दे लटके हुए हैं।

भाजपा के विधायक विशेष रूप से अवैध खनन, नशा तस्करी, बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही भाजपा प्रदेश सरकार से यह भी पूछेगी कि क्या वह अपनी चुनावी गारंटियों को पूरी कर पाएगी या नहीं। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के विधायक विधानसभा में सरकार से जवाब मांगेंगे।

वहीं कांग्रेस सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयारी कर रही है। सरकार अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को सत्र में प्रस्तुत करेगी। कांग्रेस का कहना है कि राज्य में विकास की गति तेज हुई है और उन्होंने जनता के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इसके अलावा कांग्रेस यह भी दावा करेगी कि उन्होंने किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार विधानसभा में अपने इन कदमों को पेश करके विपक्ष को जवाब देने की कोशिश करेगी। शीत सत्र में सीपीएस से हटाए गए छह कांग्रेस विधायक पहली बार सवाल पूछेंगे।

शीतकालीन सत्र के दौरान कुछ अहम विधायिक मुद्दे भी चर्चा में रहेंगे। इनमें से दो महत्वपूर्ण विधेयक हैं – हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग संशोधन एक्ट 2024 और हिमाचल प्रदेश यात्री एवं मालभाड़ा संशोधन एक्ट 2024। इन दोनों विधेयकों को सत्र में पारित किया जाएगा। भोटा स्थित राधास्वामी अस्पताल को विशेष रूप से इस संशोधन से राहत मिलेगी क्योंकि अस्पताल की भूमि के स्थानांतरण को लेकर कुछ विवाद था और इस संशोधन के बाद अस्पताल को अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी।

वहीं हिमाचल प्रदेश यात्री एवं मालभाड़ा संशोधन एक्ट 2024 का उद्देश्य राज्य में यात्री और माल परिवहन की व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित करना है। यह विधेयक राज्य में परिवहन क्षेत्र के विकास में मदद करेगा और मालवाहन को लेकर कई अहम बदलाव करेगा।

बहरहाल दोनों दल एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश करेंगे और विधानसभा में अपनी ताकत दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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