Uttrakhand

बदलाव की बयार : इतिहास में पहली बार बीकेटीसी ने सरकार को दिए 10 करोड़ रुपये, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम में बढ़ेगी सुविधा

बदलाव की बयार : इतिहास में पहली बार बीकेटीसी ने सरकार को दिए 10 करोड़ रुपये, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम में बढ़ेगी सुविधा

– अब बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर में दर्शन और सुरक्षा की कमान संभालेंगे बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मी

उत्तराखंड/देहरादून, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । वर्ष 2013 की आपदा और वो भयावह मंजर तो सबको याद होगा… हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की। अब वर्तमान में केदारनाथ धाम की स्थिति क्या है, यह देश-दुनिया के सामने है। यह संभव हो पाया है सरकार और बीकेटीसी की दृढ़ता से। कार्यकुशलता का ही परिणाम है कि इतिहास में पहली बार बीकेटीसी ने केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार को 10 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। यही नहीं, अब बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर में दर्शन और सुरक्षा की कमान भी बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मी संभालेंगे।

अब बात करते हैं वर्ष 2020 की तो इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया की गति रोक दी थी। उत्तराखंड भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ। चारधाम यात्रा ठप हो गई। इससे बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वित्तीय स्थिति भी डगमगा गई। महामारी से उबरी दुनिया ने जब दोबारा गति पकड़ी तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से चारधाम यात्रा मार्गों पर हलचल नजर आने लगी। वर्ष 2022 में प्रदेश सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अजेंद्र अजय को बीकेटीसी के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। अजेंद्र के नेतृत्व में बीकेटीसी ने नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया और शासन के सहयोग से यात्रा के लिए आवश्यक अवस्थापना विकास से लेकर परिवेश निर्माण तक के कार्य किए।

अजेंद्र के कार्यकाल में हुए अभूतपूर्व कार्य

अजेंद्र के कार्यकाल में आय के नए स्रोतों के समुचित नियोजन से बीकेटीसी का वित्तीय आय-व्यय आशातीत लाभ दर्शाने लगा है। गत ढाई वर्षों में बीकेटीसी की परिधि में आने वाले अनेक पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की सराहनीय पहल की गई। साथ ही यात्रा मार्गों पर विश्राम गृहों के उच्चीकरण के अभूतपूर्व कार्य किए गए। बाबा केदार की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कोठा भवन के जीर्णोद्वार और मंदिर परिसर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण की मांग तीन दशक से उठाई जाती रही है। अजेंद्र अजय ने इस परियोजना को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया और वर्तमान में न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सहयोग से पांच करोड़ रुपये की लागत से प्रथम चरण के कार्य तेजी से गतिमान है। वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ धाम में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके श्रीईशानेश्वर मंदिर का निर्माण गत वर्ष एक दानीदाता के सहयोग से कराया गया। गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्त हो चुके भैरव मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य भी अजेंद्र के प्रयासों से कुछ माह पूर्व शुरू हुआ और अब मंदिर निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। इसके अलावा तुंगनाथ व विश्वनाथ मंदिर की जर्जर हो चुकी छतरियों का भी पुनर्निर्माण कराए गए।

देश-दुनिया के आकर्षण का केंद्र है बाबा केदार के गर्भगृह की स्वर्णिम आभा

अजेंद्र अजय के कार्यकाल का सबसे चर्चित कार्य केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराना है। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, सिद्धि विनायक, राम मंदिर अयोध्या जैसे तमाम प्रमुख मंदिरों में स्वर्ण मंडित विभिन्न कार्य कराने वाले मुंबई के लाखी परिवार ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को पूरी तरह से स्वर्ण मंडित किया। वास्तव में बाबा केदार के गर्भगृह की स्वर्णिम आभा विश्व भर के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बीकेटीसी ने वर्तमान यात्राकाल में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार को 10 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब किसी निगम अथवा बोर्ड ने प्रदेश सरकार को सहयोग के रूप में धनराशि दी होगी।

अंग्रेजों के समय में गठित बीकेटीसी में नहीं थी कोई पारदर्शी व्यवस्था, अजेंद्र की पहल पर बनी सेवा नियमावली

वर्ष 1939 में अंग्रेजों के समय में गठित बीकेटीसी में कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति आदि के लिए कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी और ना ही कार्मिकों के लिए कोई सेवा नियमावली थी। बीकेटीसी के इतिहास में पहली बार अजेंद्र ने इसके लिए पहल की और तमाम गतिरोधों के बावजूद सेवा नियमावली बनाई। धार्मिक संस्थाओं के लिए इस तरह की नियमावली का निर्माण करना संवेदनशील विषय रहा है। प्रचलित परंपराओं के साथ आवश्यक वैधानिक शर्तों का संयोजन एक चुनौतीपूर्ण टास्क होता है। लिहाजा इससे पूर्व किसी ने भी इस संवेदनशील विषय को छूने का साहस तक नहीं किया।

दर्शन व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए बीकेटीसी के सुरक्षा संवर्ग प्रस्ताव पर सरकार ने दी स्वीकृति

प्रशासनिक व्यवस्था के निर्वाध प्रचलन और कार्य संस्कृति में बदलाव लाने के लिए भी कई प्रयास किए गए। इसमें सबसे प्रमुख निर्णय कार्मिकों का स्थानांतरण था। मंदिर समिति के इतिहास में पहली बार कार्मिकों के स्थानांतरण किए गए। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए कार्मिकों को गोल्डन कार्ड सुविधा प्रदान करने जैसे अनेक निर्णय लिये। धामों में दर्शन व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए बीकेटीसी ने अपना सुरक्षा संवर्ग बनाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। सरकार की स्वीकृति मिल गई है। शीघ्र ही बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर में दर्शन और सुरक्षा की कमान बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मियों के पास होगी।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह

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