नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक न्यूज एजेंसी को सरकार का प्रोपेगेंडा टूल बताने वाले विकीपीडिया के विवरण संबंधी मामले में कोर्ट के फैसले पर की गई टिप्पणियों वाले पेज को 36 घंटे के अंदर हटाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान आज न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने जो भी कहा था वो विकीपीडिया की वेबसाइट पर विचार के लिए खोल दिया गया। तब कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट की अवमानना है। इस पर विकीपीडिया की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने कहा कि विकीपीडिया ने कोर्ट के फैसले पर कोई विचार विमर्श शुरू नहीं किया है। अगर कोर्ट का पेज हटाने का आदेश होगा तो विकीपीडिया उसका पालन करेगी। उसके बाद कोर्ट ने 36 घंटे के अंदर सिंगल जज और डिवीजन बेंच के आदेश पर की गई टिप्पणियां हटाने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा था कि आप एक सर्विस प्रोवाइडर हैं। आप न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का खुलासा कीजिए। आप किसी को बदनाम करने का प्लेटफार्म नहीं हो सकते हैं। इससे आपको सुरक्षा नहीं मिल सकती है। तब विकीपीडिया के वकील ने इस पर निर्देश लेकर सूचित करने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 16 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम