
उमरिया, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के मानपुर विधानसभा अन्तर्गत आने वाले दोनो जनपद पंचायत में 15 जुलाई को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ जिसमें पाली जनपद पंचायत का सामूहिक विवाह ग्राम घुनघुटी में आयोजित किया गया। विवाह कार्यक्रम शुरू होते ही एक पत्नी अपनी 3 वर्षीया बच्ची को लेकर पहुंच गई और कहने लगी मेरा पति यहां दूसरी लड़की से शादी कर रहा है, इसको मना किया जाय।
इस मौके पर मानपुर विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान विधायक और पूर्व अजाक मंत्री मीना सिंह के साथ जिले के अधिकारी भी मौजूद रहे, लेकिन सभी तमाशबीन बन कर तमाशा देखते रहे, हालांकि मानपुर विधानसभा क्षेत्र का सामूहिक विवाह सदैव से विवादित रहा है, पूर्व में भी नकली आभूषणों को लेकर सुर्खियों में रहा है।
ग्राम चिनकी की रहने वाली ललिता बाई को जैसे ही पता चला कि उसका पति धरम सिंह सामूहिक विवाह में धुपखडा गांव की दूसरी लड़की से विवाह कर रहा है, वो तत्काल अपने पिता लल्लू के साथ वहां पहुंच कर सभी को बताने लगी कि यह मेरा पति है और हमारी एक बेटी भी है।
कहावत है कि नक्कारखाने में तूती की आवाज और यही चरितार्थ भी हुआ, उस गरीब पिता पुत्री की आवाज सुनने वाला वहां कोई नही रहा, वो चिल्लाती रही और उसका पति विवाह करके चला गया।
गरीबो का मसीहा कहलाने वाली विधायक और सारे अधिकारी चुप्पी साधे अपना टारगेट पूरा करने में लगे रहे, हालांकि बारीकी से जांच किया जाय तो हो सकता है कि कई और ऐसे जोड़े मिलेंगे जो दुबारा विवाह करके 49 हजार का चेक ले लिए हों, भले ही बाद में अपने पंचायत के सचिवों को कमीशन दे दें।
वहीं ललिता बाई का पति धरम सिंह अपनी पत्नी और बेटी को पहचानने से इंकार करते हुए कहा कि मैं तो अभी कुंवारा हूँ मेरी तो शादी ही नही हुई। यह किसकी बेटी है मैं नही जानता उसका पिता बताएगा। इस मामले में जब मीडिया ने पाली जनपद पंचायत के सीईओ कुंवर कन्हाई से बात की तो वो जांच करवा कर एफआईआर करवाने की बात करते रहे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जिस पवित्र उद्देश्य से चालू की गई थी कि गरीब बेसहारा परिवारों की बेटियों की शादी हो जाय, लेकिन उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा में विधायक की मौजूदगी में हमेशा मजाक बन कर रह जाता है। ऐसे में प्रदेश के मुखिया को सभी की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई करना चाहिए ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।
(Udaipur Kiran) / Surendra Tripati / राजू विश्वकर्मा
