Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने महबूबा पर निशाना साधा पीडीपी शासन के दौरान शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया

जम्मू, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने आज पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर 2014 के बाद पीडीपी के सत्ता में रहने के दौरान शराब पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया कि पीडीपी द्वारा शराब प्रतिबंध के नाम पर जो कुछ भी किया जा रहा है वह सब छल है और लोगों की भावनाओं के साथ खेलने का प्रयास है।

उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि 2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सत्ता में थी। उस समय शराब पर प्रतिबंध लगाने का विधेयक भी पेश किया गया था लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस गंभीर मुद्दे को संबोधित करने में विफल क्यों रहीं उस समय प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया उन्होंने पीडीपी पर जम्मू-कश्मीर के ढांचे को नष्ट करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का मार्ग प्रशस्त करने का आरोप लगाया। यह पीडीपी ही है जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के संकट के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। महबूबा मुफ्ती इस स्थिति पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं जिसे उन्हें बंद कर देना चाहिए। वह लोगों को लंबे समय तक बेवकूफ नहीं बना सकती हैं। शराब ही नहीं, नशा भी हमारे लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इसके अलावा जम्मू काफी समय से सामाजिक अपराधों और हत्याओं की गिरफ्त में है जिसे बिना किसी देरी के संबोधित किया जाना चाहिए। पीडीपी इस पर चुप क्यों है? आज महबूबा और उनकी बेटी सरकार को यह बता रही हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं, लेकिन हम जानते हैं कि अपने लोगों की बेहतरी के लिए कैसे काम करना है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) जानती है कि जम्मू-कश्मीर और देश को कैसे मजबूत किया जाए और हमें उपदेश देने वालों को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उन्होंने अतीत में क्या किया है। उन्होंने कहा कि ठोस मुद्दों के अभाव में पीडीपी जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है।

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के कुछ पूर्व सदस्यों द्वारा नया राजनीतिक संगठन – जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट (जेडीएफ) बनाने के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है और उन्होंने दक्षिणी कुलगाम में सार्वजनिक सभा में जो कुछ भी व्यक्त किया है, उसका अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने (जेडीएफ) एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने का फैसला किया है तो देर आए दुरुस्त आए। हमें उम्मीद है कि वे लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।

उन्होंने कहा कि शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में सम्मानजनक तरीके से वापसी सुनिश्चित करना हमारा बहुत लंबे समय से प्रयास रहा है।

इससे पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय शेख नजीर अहमद की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में जम्मू में पार्टी कार्यालय शेर-ए-कश्मीर भवन में एक सभा को संबोधित किया।

—————

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

Most Popular

To Top