
जयपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख विधि सचिव, प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और यूजीसी सहित अन्य से पूछा है कि मेडिकल शिक्षकों के समान क्यों ना प्रदेश के कॉलेज शिक्षकों की उम्र भी 65 साल कर दी जाए। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. विश्राम लाल बैरवा और अशोक कुमार अग्रवाल सहित अन्य की याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सुप्रिय और अक्षय दत्त शर्मा ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार और यूजीसी कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने का प्रावधान कर चुके हैं। प्रदेश में मेडिकल शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु पूर्व में ही साठ साल से बढ़ाकर 65 साल की जा चुकी है। इसके अलावा यूपी, एमपी और गुजरात सहित देश के करीब डेढ दर्जन राज्यों में कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल है। इसके बावजूद प्रदेश में कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र साठ साल ही है। याचिका में कहा गया कि मेडिकल शिक्षक और कॉलेज शिक्षकों का काम एक समान है। ऐसे में राज्य सरकार उसकी सेवानिवृत्ति आयु अलग-अलग रखकर भेदभाव नहीं कर सकती है। इसलिए कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र भी 65 साल की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
