
जयपुर, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने 1965 की युद्ध विधवा को 11 साल में भूमि आवंटित नहीं करने को लेकर प्रमुख राजस्व सचिव से शपथ पत्र पेश करने को कहा है। अदालत ने प्रमुख राजस्व सचिव से पूछा है कि उसे पूर्व में आवंटित की गई जमीन का आवंटन रद्द करने के बाद अब तक उसे दूसरी भूमि आवंटित क्यों नहीं की गई। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश धरियाव कंवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि चार सप्ताह में मामले को लेकर आवश्यक कार्रवाई कर ली जाती है तो प्रमुख राजस्व सचिव को शपथ पत्र पेश करने की आवश्यकता नहीं है।
याचिका में अधिवक्ता ओपी मिश्रा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति भारतीय सेना में थे और साल 1965 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। ऐसे में उन्हें 25 बीघा भूमि आवंटित की गई। वहीं बाद में इस जमीन को गैर मुमकिन तलाई की जमीन बताकर आवंटन गलत होना बताकर राजस्व मंडल में रेफरेंस भेजा गया। राजस्व मंडल ने याचिकाकर्ता के गृह जिले में दूसरी भूमि आवंटित करने के आदेश दे दिए। वहीं मई, 2022 में एसडीओ ने भूमि आवंटन का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया। इसके बाद अधिकारियों के बीच कागजी कार्रवाई होती रही, लेकिन उसे भूमि आवंटित नहीं की गई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए कहा कि यदि मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो प्रमुख राजस्व सचिव अपना शपथ पत्र पेश कर कारण स्पष्ट करें।
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(Udaipur Kiran)
