जयपुर, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान एससी एसटी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कर्मचारियों के लिए शुरू की ओल्ड पेंशन स्कीम अंतिम चरण में स्थगित करने पर प्रमुख सामाजिक न्याय व अधिकारिता सचिव, प्रमुख वित्त सचिव और कॉरपोरेशन के एमडी से जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने इनसे पूछा है कि याचिकाकर्ता रिटायर कर्मचारियों को मिलने वाले ओल्ड पेंशन स्कीम लाभ से वंचित क्यों किया है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश महेन्द्र प्रकाश व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता कॉरपोरेशन के रिटायर कर्मचारी हैं। इन्हें भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन व अन्य सेवा परिलाभ मिलते हैं। वहीं इन पर भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान ही सर्विस रूल्स लागू होते हैं। राज्य सरकार ने 2023 के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों सहित राज्य के निगम व बोर्ड कर्मचारियों के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के लिए कहा। जिस पर वित्त विभाग ने 20 अप्रैल 2023 के आदेश से कहा कि जो कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ लें, उनके ईपीएफ व सीपीएफ की कटौती नहीं की जाए। इसके बाद जुलाई 2023 में वित्त विभाग ने कहा कि रिटायर कर्मचारियों को मिली ईपीएफ, सीपीएफ की राशि तीन फीसदी ब्याज सहित राज्य सरकार में वापस जमा कराई जाए। इस दौरान सितंबर, 2023 में एससी एसटी कॉरपोरेशन की वार्षिक साधारण सभा की मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम को क्रियान्वित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। वहीं याचिकाकर्ताओं ने उन्हें मिले ईपीएफ, सीपीएफ की राशि के उन पर निकले लाखों रुपए चेकों के जरिए कॉरपोरेशन में जमा करा दिए। इसके बावजूद 4 नवंबर 2024 को कॉरपोरेशन के एमडी ने ओल्ड पेंशन स्कीम के आदेश को स्थगित कर दिया। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उन्होंने कॉरपोरेशन में लाखों रुपए जमा करवा दिए हैं, लेकिन उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन नहीं दी जा रही। इससे उनके सामने वित्तीय संकट खडा हो गया है और उनके पास आय का अन्य कोई भी साधन नहीं है। इसलिए उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलवाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)