बिलासपुर, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बिलासपुर रेलवे स्टेशन में आने वाले यात्रियों को होने वाली असुविधा और बदहाल सड़क को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने रेलवे से पूछा इतनी ट्रेन रद्द क्यों करते हैं आप लोग..? जिस पर अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने रेलवे का पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रैक के अपग्रेडेशन का कार्य चल रहा है। वहीं येह भी कहा कि एक साल में अपग्रेडेशन का काम पूरा हो जाएगा। फिर ट्रेन रद होने की संभावना कम हो जाएगी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यात्री ट्रेन की प्लेटफार्म नंबर एक में मालगाड़ियों के खड़े रहने और बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों की परेशानी के बारे पूछा जिसपर अधिवक्ता ने कहा कि पैसेंजर ट्रेन मौजूद नहीं रहती है, तब रेलवे मालगाड़ियां आती है। बाकी समय में ऐसा नहीं किया जाता। वहीं बैंच के पूर्व आदेश के परिपालन में बिलासपुर डीआरएम ने शपथपत्र में जवाब दाखिल कर जानकारी दी है। वहीं कोर्ट ने एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान के बारे में पूछा। जिसमें इस रिपोर्ट में बिलासपुर रेलवे स्टेशन से सटी सड़क बिलासपुर के लोगों के लिए खतरा बन गई है क्योंकि इसकी स्थिति बहुत दयनीय है। सड़क के आसपास रहने वाले लोगों को भी धूल के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। जो कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास गजरा चौक से शारदा मंदिर तक की सड़क के बारे में थी। जिसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। इस पर भी मंडल रेल प्रबंधक ने हालकनामा दाखिल किया और अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने बताया कि शारदा मंदिर से गजरा चौक को लेकर के टेंडर पहले ही कर दिया गया है और 31मई 2025 तक सड़क का काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा एक अन्य सड़क जो गजरा चौक से तारबाहर तक जाती है। इसका भी टेंडर हो गया है जो कि जून 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। इस पूरे मामले को गंभीरता सुनने के बाद कोर्ट ने रेलवे को निर्देशित करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi