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अल्ट्रासाउंड कोर्स में प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वालों से भेदभाव क्यों-हाईकोर्ट

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट पीजी काउन्सलिंग बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी कर पूछा है कि पीसीपीएनडीटी के तहत छह माह के अल्ट्रासाउंड ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश डॉ. सुप्रिया कुमार गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि पीसीपीएनडीटी के तहत छह माह का अल्ट्रासाउंड ट्रेनिंग कोर्स कराने के लिए गत 22 अप्रैल को नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड ने विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए है। जिसमें प्रावधान किया गया कि पहले राउंड में प्रदेश की मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों और सेवारत डॉक्टरों को ही शामिल किया जाएगा। वहीं यदि इसके बाद सीटें रिक्त रही तो दूसरे और बाद में राउंड में प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वालों को मौका दिया जाएगा। इसके चुनौती देते हुए कहा गया कि नेशनल मेडिकल कमीशन देश में कहीं से भी एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों को योग्यता के आधार पर एक समान मानता है। ऐसे में इस कोर्स में प्रवेश के लिए याचिकाकर्ता के साथ स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। पीसीपीएनडीटी नियम, 2014 के तहत नीट पीजी के अंकों के आधार पर इस कोर्स में प्रवेश का प्रावधान है। वहीं विज्ञापन की यह शर्त संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने गुजरात से एमबीबीएस किया है और नेशनल मेडिकल कमीशन उसे मान्यता देता है। इसके बावजूद उसे प्रदेश से एमबीबीएस करने वालों के साथ प्रथम राउंड की काउंसलिंग में शामिल होने क अनुमति नहीं देना मनमाना है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran)

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