Haryana

हिसार : पंजाब ने पानी रोका तो हरियाणा सरकार को आई भाखड़ा व्यास प्रबंधन की याद : संपत

कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह

लंबे समय से सरकार ने बना रखी बीवीएमबी से दूरी, नतीजा पानी की कमीहिसार, 3 मई (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह ने हरियाणा सरकार से सवाल किया है कि भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड से लंबे समय से दूरी क्यों बनाई हुई है। प्रदेश के पानी के मुख्य स्त्रोत सतलुज, व्यास और रावी नदी के पानी की उनको कोई चिंता नहीं है। पंजाब सरकार ने जब इन नदियों के पानी को रोका तो भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड की याद आई।संपत सिंह ने शनिवार काे कहा कि बीबीएमबी सतलुज, व्यास और रावी के पानी के समुचित बंटवारा, संचालन व प्रबंधन करने वाली संवैधानिक संस्था है जिसमें हरियाणा सरकार अपने किसी प्रमुख वरिष्ठ मुख्य अभियंता सिविल की नियुक्ति करवाती रही है परंतु पिछले कई वर्षों से हरियाणा सरकार की बेरूखी की वजह से न ही तो कोई सिंचाई विभाग का सदस्य नियुक्त किया गया और न ही सुंदर नगर में उपयुक्त व स्थाई प्रमुख अभियंता लगाया गया है। इसी तरह भाखड़ा डैम सर्कल में पहले शुरू से हरियाणा प्रदेश का अधीक्षक अभियंता लगता रहा है परंतु अब थोडे़ दिन पहले पंजाब के अधीक्षक अभियंता की नियुक्ति की गई। इन परिस्थितियों में हरियाणा कैसे उम्मीद कर सकता है कि उसे उचित मात्रा में समय की आवश्यकतानुसार पानी मिलेगा। इसी वजह से पहली बार हरियाणा का पानी रोका गया है।संपत सिंह ने सुझाव दिया की बयानबाजी की बजाए बिना समय खोए तुरंत प्रभाव से सुंदर नगर में सिंचाई विभाग के सक्रिय व वरिष्ठ सिविल मुख्य अभियंताओं में से तुरंत किसी को नियुक्ति दिलाई जाए ताकि वो आगे चलकर बोर्ड का स्थाई सदस्य बन सकें। भाखड़ा डैम सर्कल में भी सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता भूषण लाल कंबोज जिसको काबिलियत की वजह से चेयरमैन भी पंसद करते है, की बिना देरी के नियुक्ति की जाए। इन तीनों नदियों के पानी में पंजाब और हरियाणा के साथ राजस्थान, दिल्ली व चंडीगढ़ की भी हिस्सेदारी है, इसलिए इन बांधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पंजाब सरकार से लेकर केन्द्रीय बलों को दी जाएं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के चक्रव्यूह में फंसकर हरियाणा सरकार उचित कदम उठाने की बजाए राजनीतिक बैठकें, हरियाणा विधानसभा का अधिवेशन बुलाने व सर्वोच्च न्यायालय में जाने की बात कर रही है। दो सप्ताह का समय बर्बाद हो चुका और आने वाले दो सप्ताह के बाद यानी 20 मई के बाद तो पंजाब सरकार उचित पानी देने की बात कर रही है। पीने का पानी न मिलने की वजह से लोगों में त्राही-त्राही मच रही है और यदि 15 मई तक पानी नहीं आया तो किसान नरमा और कपास की बिजाई से भी वंचित रह जाएगा। मुख्यमंत्री सभी प्रभावित क्षेत्रों के नेताओं को साथ लेकर तुरंत प्रधानमंत्री व विद्युत मंत्री से मिलें और हमारे हक के पानी को तुरंत उपलब्ध करवाएं।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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