
जयपुर, 18 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाइकोर्ट ने धौलपुर में करीब सात माह पहले लापता हुए वकील की बरामदगी को लेकर पुलिस की ओर से किए जा रहे प्रयास की जानकारी मांगी है। अदालत ने कहा है कि तीस मई को रिपोर्ट पेश कर बताया जाए कि वकील की बरामदगी के लिए क्या कार्रवाई की गई है। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मीना मिश्रा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान धौलपुर एसपी सुमित मेहरडा अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि वकील की तलाश के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं वकील से जुडे लोगों से पूछताछ भी की गई है। इसके अलावा पुलिस की टीम ने यूपी और एमपी के विभिन्न स्थानों पर जाकर वकील को तलाशा है। इसके साथ ही लापता वकील की फोटो पोर्टल पर अपलोड की गई है। इस पर अदालत ने आगामी सुनवाई पर एसपी को उपस्थित होने से छूट देते हुए पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
याचिका में अधिवक्ता दीनदयाल खंडेलवाल और सुरभि ने अदालत को बताया कि 23 सितंबर, 2023 को याचिकाकर्ता के पति प्रमोद कुमार मिश्रा घर से कोर्ट जाने के लिए निकले थे, लेकिन शाम को वापस घर नहीं आए। इस पर याचिकाकर्ता ने उन्हें अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घर तलाशा, लेकिन वे वहां भी नहीं मिले। इस पर याचिकाकर्ता ने कोतवाली थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हंी तलाशने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि उसने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कुछ संदिग्ध व्यक्तियों पर संदेह जताया था। इसके बावजूद पुलिस ने उनसे पूछताछ तक नहीं की। ऐसे में पुलिस को निर्देश दिए जाए कि वह उसके पति को तलाश कर अदालत में पेश करे।
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(Udaipur Kiran)
