
सोनीपत, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सोनीपत नगर निगम ने बीते साढ़े तीन वर्षों से न केवल अपने
शहर, बल्कि पानीपत, समालखा और गन्नौर क्षेत्रों से भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तक कूड़ा
भेजा और भुगतान की जिम्मेदारी भी खुद निभाई। अब हालात यह हैं कि निगम पर इन तीनों क्षेत्रों
का कुल 47 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया चढ़ चुका है।
अगर यह रकम समय पर प्राप्त हो जाती, तो शहर में कई महत्वपूर्ण
विकास कार्य पूरे किए जा सकते थे। लगातार बढ़ते वित्तीय दबाव को देखते हुए नगर निगम
ने साफ कर दिया है कि अब से वह अन्य निकायों की ओर से भुगतान नहीं करेगा।
ताजपुर गांव के पास अगस्त 2021 में शुरू हुआ यह प्लांट जेबीएम
एनवायरमेंटल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसकी
प्रशासनिक जिम्मेदारी सोनीपत नगर निगम के पास है। इस प्लांट में चार निकायों—सोनीपत,
पानीपत, समालखा और गन्नौर का कूड़ा भेजा जाता है, जिससे बिजली
तैयार होती है। अब तक प्लांट को कुल 75.69 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिसमें
से 28.60 करोड़ रुपये सोनीपत नगर निगम ने अपने हिस्से के तौर पर अदा किए हैं। शेष बकाया
राशि तीनों अन्य निकायों की है, जो अब तक नहीं मिली है।
कमिश्नर हर्षित कुमार ने आठ अप्रैल को स्थानीय निकाय विभाग
के निदेशक को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि इन निकायों से बकाया राशि वसूलने के निर्देश
दिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब निगम दूसरों की ओर से भुगतान नहीं करेगा, क्योंकि
यह वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं है। कमिश्नर ने व्यक्तिगत रूप से पानीपत, समालखा और गन्नौर के
अधिकारियों से संपर्क कर बकाया राशि चुकाने का अनुरोध किया है। उन्हें उम्मीद है कि
जल्द ही यह राशि मिल जाएगी, जिससे विकास कार्यों को दोबारा गति मिल सकेगी।
नगर निगम मेयर राजीव जैन ने भी मामले की गंभीरता पर जोर देते
हुए कहा कि इस बकाया राशि से शहर की सड़कें, स्ट्रीट लाइट्स, सफाई और अन्य बुनियादी
सेवाएं बेहतर की जा सकती थीं। उन्होंने कहा कि अब संयम की सीमा पार हो चुकी है और सख्त
कदम उठाना जरूरी हो गया है। अगर जल्द ही यह उधारी नहीं चुकाई गई, तो नगर निगम की कई
योजनाएं ठप पड़ सकती हैं, जिससे नागरिकों को सीधा नुकसान होगा।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
