Haryana

पिता की गालियां छुड़वाने वाली पश्चिम बंगाल की राईहाना ने जीता बेस्ट सेल्फी विद डॉटर अवार्ड

कार्यक्रम में संबोधित करते मदवि के कुलपति राजबीर सिंह।

मदवि वीसी बोले, औरत को जितना ज्यादा सशक्त बनाएंगे समाज उतना सशक्त बनेगा

नवजात बेटी की सेल्फी अपलोड करने वाली मध्य प्रदेश की पंचायत को भी मिला सम्मान

मदवि में हुआ कार्यक्रम, 17 राज्यों से आई लड़कियों ने लिया भाग

रोहतक, 9 जून (Udaipur Kiran) । सेल्फी विद डॉटर अभियान के दस वर्ष पूरे होने पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आज एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल समेत 17 राज्यों की लड़कियों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया। एमडीयू के यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम, डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस, वूमेन स्टडी सेंटर और सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुनर्वास परिषद की चेयरपर्सन डॉ.शरणजीत कौर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह समारोह की अध्यक्षता की।

दसवें सेल्फी विद डॉटर दिवस के अवसर पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के दौरान सेल्फी विद डॉटर पंचायत अवार्ड मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गोटे गांव खेड़ा की पंचायत को दिया गया है। गोटे गांव खेड़ा की पंचायत ने कुल 27 पंचायतों को पछाड़ते हुए यह सम्मान हासिल किया है। कार्यक्रम कन्या भू्रण हत्या रोकने व गाली बंद घर अभियान को समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रचारित सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरुआत 9 जून 2015 को हरियाणा के जींद जिला से हुई थी। इस अवसर पर सुनील जागलान ने ऐलान किया कि 11वें वर्ष के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में कन्या भ्रूण मर्डर रोकने व गाली बंद घर अभियान को गति दी जाएगी।

एमडीयू में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान एमडीयू के कुलपति डॉ.प्रो.राजबीर सिंह, आरसीआई की चेयरपर्सन डॉ.शरणजीत कौर ने संयुक्त रूप से गोटे गांव खेड़ा की सरपंच प्रियंका को सम्मानित किया गया। सरपंच प्रियंका ने गांव में पैदा होने वाली हर लड़की की फोटो सेल्फी विद डॉटर पर अपलोड की। उन्होंने अपने गांव में महिला हितेषी कई योजनाओं को लागू किया। पश्चिम बंगाल की राईहाना ने अपने पिता की गालियां को बंद करवाने का अभियान अपने ही घर में चलाया हुआ है। उसके माता-पिता बातचीत में भी गालियों का प्रयोग करते थे। राईहाना ने बताया कि यह एक मानसिक रोग है। अब 60 प्रतिशत तक उसके पिता का गालियों पर नियंत्रण हो गया है। मूल रूप से दिल्ली निवासी और अब इंग्लैंड में रहने वाली रमिका पुत्री सुनीता इस साल की तीसरी विजेता हैं। रमिकासामाजिक आर्थिक व शैक्षणिक क्षेत्र में कार्य करने वाले नेशनल यूथ आर्ट ट्रस्ट यूके की निदेशक हैं। वह इंग्लैंड में सेल्फी विद डॉटर का प्रचार कर रही हैं।

——–

—————

(Udaipur Kiran) / अनिल

Most Popular

To Top