कोलकाता, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में चार-तरफा मुकाबला तय हो गया है। माकपा ने चार सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इन चुनावों में लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर होगी।
लेफ्ट फ्रंट ने कूचबिहार के सिताई, अलीपुरद्वार के मदारीहाट, पश्चिम मेदिनीपुर के मेदिनीपुर और बांकुड़ा के तालडांगरा से अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि, लेफ्ट ने नैहाटी की सीट पर माकपा को समर्थन देने का फैसला किया है। हरोआ सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा अभी बाकी है, और इस पर ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) से बातचीत चल रही है।
इस बीच, कांग्रेस ने छह सीटों के लिए 17 संभावित उम्मीदवारों के नाम दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजे हैं।
पिछले सप्ताह भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने भी अपनी सूची जारी कर दी है। लेफ्ट की ओर से सिताई से अरुण कुमार बर्मा, मदारीहाट से पदम ओरांव, मेदिनीपुर से मणिकुंतल खमरुई और तालडांगरा से देवकांति मोहंती मैदान में होंगे। नैहाटी से सीपीआई (एम-एल) के देबज्योति मजूमदार उम्मीदवार होंगे।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चार-तरफा मुकाबले से विरोधी दलों के वोट बंटेंगे, जिससे तृणमूल कांग्रेस को फायदा हो सकता है।
यह उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि इन सीटों के पूर्व विधायक इस साल लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। पांच सीटों पर 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जबकि मदारीहाट से भाजपा के विधायक थे।
इन उपचुनावों का महत्व तृणमूल और भाजपा दोनों के लिए बढ़ गया है, क्योंकि हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के बाद राज्य में माहौल तनावपूर्ण है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर