West Bengal

पश्चिम बंगाल उपचुनाव : वाम और कांग्रेस की सभी सीटों पर जमानत जब्त, कई जगह नोटा से भी मिली टक्कर

वाम और कांग्रेस

कोलकाता, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में वामपंथी दल और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। इन सीटों पर दोनों दल अलग-अलग लड़े, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। सभी सीटों पर उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इतना ही नहीं, कई जगहों पर उन्हें ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) से मुकाबला रहा है।

उत्तरी बंगाल की मदारीहाट सीट पर वामपंथी दल आरएसपी और कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही। आरएसपी पहले चार राउंड तक ‘नोटा’ से भी पीछे थी। कांग्रेस ने भी पांचवें राउंड में थोड़ी बढ़त बनाई, लेकिन छठे राउंड में फिर से ‘नोटा’ से पिछड़ गई। हालांकि, अंतिम गणना में आरएसपी को तीन हजार 412 और कांग्रेस को 3,023 वोट मिले, जबकि ‘नोटा’ को दो हजार 856 वोट प्राप्त हुए।

कूचबिहार के सिताई में फॉरवर्ड ब्लॉक और कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच मामूली अंतर रहा। कई राउंड में फॉरवर्ड ब्लॉक और ‘नोटा’ के बीच 100 वोट से भी कम का अंतर रहा। हालांकि, अंतिम गणना में फॉरवर्ड ब्लॉक को तीन हजार 319 और ‘नोटा’ को एक हजार 317 वोट मिले।

मेदिनीपुर में कांग्रेस छठे और सातवें राउंड में ‘नोटा’ से पीछे चली गई। हालांकि, कुल मतगणना में कांग्रेस को तीन हजार 959 और ‘नोटा’ को दो हजार 624 वोट प्राप्त हुए।

उत्तरी 24 परगना के हाड़ोआ और नैहाटी सीटों पर भी कांग्रेस को ‘नोटा’ से चुनौती मिली। हाड़ोआ में 12वें और 13वें राउंड में ‘नोटा’ और कांग्रेस के बीच का अंतर 100 वोट से कम हो गया था। नैहाटी में कांग्रेस को तीन हजार 883 और ‘नोटा’ को एक हजार 728 वोट मिले।

वाम दलों और कांग्रेस की इस हार के बाद उनके नेताओं ने अपनी कमजोरियों को स्वीकार किया। कांग्रेस के प्रवक्ता सुमन रॉय चौधरी ने कहा कि कांग्रेस का संगठन लंबे समय से कमजोर है। इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल में तृणमूल और भाजपा के ध्रुवीकरण की राजनीति ने हमारी स्थिति और खराब कर दी है।

माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने भी संगठन की कमजोरी को स्वीकारते हुए कहा कि चुनावी आंकड़े महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यही सब कुछ नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में पुनर्जागरण के लिए वामपंथी पुनर्जागरण अनिवार्य है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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