जम्मू 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व एमएलसी और भाजपा जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने विस्थापित प्रवासियों को पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) और एचएडीपी और जेकेसीआईपी जैसी अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता शिविरों के कार्यक्रम का स्वागत किया है। राहत और पुनर्वास आयुक्त (एम) के कार्यालय के समन्वय में कृषि निदेशक के नेतृत्व में इस पहल का उद्देश्य विस्थापित किसानों की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों का समाधान करना है।
हालांकि रैना ने देरी से क्रियान्वयन की आलोचना करते हुए कहा कि इन शिविरों के लिए निर्देश एक महीने पहले 7 अक्टूबर को डीएमआरआरआर के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में जारी किए गए थे। उन्होंने कल्याणकारी लाभों तक पहुँचने में विस्थापित समुदाय द्वारा सामना किए जा रहे लगातार संघर्षों पर चिंता व्यक्त की।
रैना ने कहा पहले के जागरूकता शिविरों के बावजूद ठोस परिणाम अभी भी मायावी हैं। उन्होंने अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से खारिज किए जाने की ओर इशारा किया जिसमें अक्सर लाभार्थियों को कश्मीर में उनके मूल जिलों से जम्मू के अन्य हिस्सों या केंद्र शासित प्रदेश के बाहर विस्थापित करने का हवाला दिया जाता है। उन्होंने कहा यह बहाना न तो नया है और न ही वैध है। यह दशकों की प्रशासनिक उदासीनता और विस्थापित प्रवासियों के लिए समाधान विकसित करने में विफलता को दर्शाता है। रैना ने भूमि और बागों के अतिक्रमण के मुद्दों पर भी प्रकाश डाला और चेतावनी दी कि वास्तविक लाभार्थियों को अतिक्रमणकारियों के हाथों नहीं खोना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा