Uttar Pradesh

वैदिक मंत्रोंच्चार और अर्ध्य से भारतीय नव संवत्सर के उदीयमान सूर्य का स्वागत

भारतीय नव संवत्सर के उदीयमान सूर्य का स्वागत करती महिलाएं

गंगाघाटों से दुनिया को दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश, मां गंगा की आरती

वाराणसी,30 मार्च (Udaipur Kiran) । काशीपुराधिपति की नगरी में रविवार को भारतीय नव संवत्सर के उदीयमान सूर्य का भव्य स्वागत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अर्ध्य देकर किया गया। गंगा नदी के अर्धचंद्राकार पथरीलें घाटों पर अलग अलग सामाजिक संगठनों, हिन्दूवादी संगठनों के सदस्य अलसुबह ही पहुंच गए। घाटों पर शंख ध्वनि और मंत्रोंच्चार के बीच उगते सूरज को दूध से अर्ध्य देकर मां गंगा की आरती की।

इसी क्रम में प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर भगवान सूर्य के उदित होते ही नव संवत्सर के स्वागत में गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति और नमामि गंगे ने पतितपावनी मां गंगा की आरती उतारी। गंगा तट से दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम के मर्म को समझने का संदेश देकर पौ फटते ही विश्व भर को ऊर्जा का आभास कराने वाले सूरज देव को दूध से अर्ध्य दिया। मां गंगा की आरती करने वाले अर्चकों के साथ सदानीरा सुरसरि के तट पर मानव कल्याण की शांति और पर्यावरण संरक्षण के लिए यज्ञ किया गया। सभी के लिए स्वस्थ रहने और सुखी रहने के साथ समृद्धि प्राप्त करने की कामना की गई।

गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने नव संवत्सर पर जनमानस को बधाई दी। सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे ने कहा कि भारतीय नव संवत्सर की शुरुआत गंगा आरती के साथ करना एक शुभ और आध्यात्मिक अनुभव है जो आपको सनातनी वर्ष की शुरुआत मे सकारात्मकता और शांति प्रदान करता है। गंगा आरती मां गंगा की शक्ति और पवित्रता के लिए एक प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि है।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संस्कृति का अमृत गान है। नव संवत्सर हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक थाती से परिचित कराने और उसे सहेजने का भी अवसर देता है। नव संवत्सर सृष्टि का स्पंदन है। इसी क्रम में नमोघाट पर गोवर्धन पूजा समिति एवं नमो गोवर्धन मॉर्निंग टीम के महिला पुरूष सदस्यों ने हिंदी नव वर्ष का स्वागत उगते हुए सूर्य देवता को दूध, गंगाजल से अर्ध्य दिया। इसके बाद मां गंगा की आरती उतार कर चैत्र नवरात्र के पहले दिन का स्वागत किया। इसमें दिनेश यादव पप्पू, पारस यादव पप्पू, पप्पू मौर्य, संतलाल कमलेश शर्मा, योगाचार्य अभय स्वाभिमानी, विनोद यादव, मनोज यादव, रामसमुझ गुप्ता, दीपमाला सुधा यादव, उषा यादव, पल्लवी यादव, तपस्या, अर्चना वर्मा आदि शामिल रही।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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